नई दिल्ली, 03 सितम्बर, (वीएनआई) सर्वोच्च न्यायलय ने आयकर विभाग को गलत बयानी पर फटकार लगाते हुए उस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया।
न्यायलय ने साफतौर पर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय पिकनिक प्लेस नहीं है और इस तरह का व्यवहार भी उसके साथ नहीं किया जा सकता है। जस्टिस मदन बी. लोकुर की बेंच ने विभाग पर 10 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका।
गौरतलब है विभाग ने न्यायलय में दायर एक याचिका लंबित होने की बात कहकर गुमराह करने की कोशिश की थी। इस पर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि, आयकर विभाग ने 596 दिनों की देरी के बाद याचिका दायर की और विलंब के लिए विभाग की ओर अपर्याप्त और अविश्वसनीय दलीलें दी गईं। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता भी शामिल थे।
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