नई दिल्ली, 25 सितम्बर, (वीएनआई) सर्वोच्च न्यायलय ने आज दागी नेताओं और गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने वाली याचिका पर फैसला सुनते हुए कहा संसद कानून बनाए और उम्मीदवार प्रचार में आपराधिक मामलों की जानकारी दें।
सर्वोच्च न्यायलय ने पांच साल या उससे ज्यादा सजा होने वाले मामले में आरोप तय होने के बाद चुनाव लड़ने से अयोग्य करार देने से इनकार कर दिया है। न्यायलय ने कहा कि अयोग्यता का प्रावधान अदालत नहीं जोड़ सकती। यह काम संसद का है। न्यायलय ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस मामले में प्रावधान के बारे में सोचे।
न्यायलय ने स्पष्ट कहा कि वह विधायिका के दायरे में जाकर दागी नेताओं को चुनाव से प्रतिबंधित कर लक्ष्मण रेखा नहीं लांघ सकता। न्यायलय ने अपने अहम फैसले में कहा कि राजनीति में अपराधीकरण और भ्रष्टाचार, लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। साथ ही न्यायलय ने कहा कि जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हो, वह नामांकन के वक्त हलफनामा जब दाखिल करें तो आपराधिक मामले के बारे में बोल्ड अक्षरों में लिखें। मतदाता को इस बात का पूरा अधिकार है कि वह जाने कि उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड क्या है।
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