नई दिल्ली, 20 दिसंबर, (वीएनआई) देशभर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध [प्रदर्शन के बीच बीते गुरुवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने अपना विरोध जताया, जिसके बाद पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया।
रामचंद्र गुहा ने विरोध प्रदर्शन पर कहा कि असली 'टुकडे़-टुकडे़ गैंग' दिल्ली में बैठे भारत के शासक हैं। वे असली बंटवारा करने वाले लोग हैं। वे लोग देश को ना केवल धर्म बल्कि भाषा के आधार पर भी बांट रहे हैं और हम उनका अहिंसक तरीके से विरोध करेंगे। गुहा ने कहा धारा 144 लगाने का कोई मतलब नहीं था, ये बहुत ही अतिवादी फैसला है जो मुझे लगता है दिल्ली से आया था। दिल्ली से आदेश आ रहा है कि बेंगलुरु को क्या करना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम किस तरह का लोकतंत्र बनते जा रहे हैं।
गौरतलब है रामचंद्र गुहा को बीते गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के कारण हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए जाने पर उन्होंने कहा कि वे धारा 144 का उल्लंघन नहीं कर रहे थे।
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