नई दिल्ली, 19 जुलाई, (वीएनआई) राज्यसभा में आज देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में पांच अन्य बैंकों के विलय को मंजूरी मिल गई है। इस विधेयक को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने पेश किया था।
इस मर्जर के साथ ही अब एसबीआई संपत्ति के हिसाब से दुनिया की टॉप बैंकों में शामिल हो गया है। वहीं हम आपको बता दे कि बैंक का अब टोटल कस्टमर बेस 37 करोड़ हो गया है। गौरतलब है कि राज्यसभा से भी विधेयक को मंजूरी मिलने से एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद पूरी तरीके से शामिल हो जाएंगे। सरकार की माने तो, इस विलय से इन बैंको की लागत में न सिर्फ कमी आयेगी, बल्कि संसाधनों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा। आश्चर्य की बात यह है कि देश भर में एसबीआई की 24,000 से ज्यादा ब्रांच नेटवर्क है। वहीं बैंक के एटीएम की संख्या 60 हजार के करीब है।
राज्यसभा में आज एसबीआई में मर्जर से संबंधित विधेयक को वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने जब पेश किया तो इस दौरान इसपर लंबी बहस भी हुई। इस बात पर भी आशंका जताई जा रही थी कि इससे छंटनी होगी। लेकिन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि विलय के बाद किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गयी है। वहीं वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। वहीं विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के जयराम रमेश सहित कुछ सदस्यों ने एसबीआई के निजीकरण को लेकर आशंका भी जताई थी। वहीं कई सदस्यों ने बैंकों के नियमन प्रणाली को दुरूस्त बनाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
No comments found. Be a first comment here!