गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भारत-चीन सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा आईटीबीपी

By Shobhna Jain | Posted on 24th Oct 2017 | देश
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ग्रेटर नोएडा (गौतमबुद्ध नगर), 24 अक्टूबर (वीएनआई)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 50 नई अग्रिम चौकियां बनाने का प्रस्ताव मिला है, जिस पर जल्दी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत-चीन की सीमाओं की निगरानी की जिम्मेदारी आईटीबीपी बखूबी निभा रहा है। 

आईटीबीपी के 56वें स्थापना दिवस पर आईटीबीपी की 39वीं बटालियन में आयोजित कार्यक्रम में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया। उन्होंने आईटीबीपी जवानों के उत्साह एवं कार्यकुशलता की प्रशंसा करते हुए कहा, "9 हजार से लेकर 18 हजार फीट से ज्यादा तक की ऊंचाई वाले इलाके में भारत-चीन की सीमाओं की निगरानी की जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर है। कठिन परिस्थितियों में भी पूरी निष्ठा से देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, इसका अनुमान दिल्ली में बैठकर कोई नहीं लगा सकता है। उन्होंने कहा, आईटीबीपी के जवानों की भूमिका बहुआयामी है। नक्सलवादियों और उग्रवादियों के हौसले पस्त करने के काम करते हैं। बॉर्डर आउट पोस्ट्स (बीओपी) से अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने की योजना है। इसके लिए इन क्षेत्रों में 25 नई सड़कें भी बनाई जाएंगी। सरकार को आईटीबीपी की 50 नई अग्रिम चौकियां बनाने का प्रस्ताव मिला है, जिसपर जल्दी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "लद्दाख में कड़ाके की ठंड में भी बीओपी पर 20 डिग्री तापमान सुनिश्चित करने के लिए एक मॉडल बीओपी भी बनाई जा रही है। अगर ये सफल रहता है तो इसी तरह की और बीओपी लगाई जाएंगी। सरकार ने पेट्रोलिंग के लिए स्नो स्कूटर की सुविधा भी मुहैया करना प्रारंभ कर दिया है। अभी इसकी कमी है, जिसकी पूर्ति जल्द ही की जाएगी।

गृह मंत्री ने आईटीबीपी द्वारा महिला सशक्तिकरण, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, विश्व योग दिवस में की गई सक्रिय पहल एवं बल द्वारा निभाई जा रही उल्लेखनीय भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, "शहीद के परिवार को सहायता राशि के रूप में एक करोड़ रुपया प्रदान किया जाएगा। अब प्रशिक्षण के दौरान जवानों को चीनी भाषा भी सिखाई जाएगी। उन्होंने सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाने के लिए सीमा पर तैनात जवानों को कहा। आईटीबीपी के डीजी आर.के. पचनंदा ने कहा कि आईटीबीपी के इतिहास में पहली बार ऐसा दस्ता बनाया गया है जिससे कि भारत-चीन सीमा पर जवानों की आवाजाही तेजी से संभव हो सके। उन्होंने जल्दी ही आईटीबीपी का एक गुप्तचर प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने की भी जानकारी दी। इस अवसर पर बल के छह पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं 26 अन्य पदाधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदकों से विभूषित किया गया। बल में सेवारत पशुओं हेतु पदक की श्रेणी में बेसिक ट्रेनिंग सेंटर भानू से ब्लैक ब्यूटी अश्व एवं 29वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ से मछली श्वान को बल का श्रेष्ठ अश्व एवं श्वान घोषित किया गया। वर्ष 2017 के लिए बल की 38वीं वाहिनी को सर्वश्रेष्ठ नॉन बॉर्डर बटालियन तथा प्रथम वाहिनी को ओवरऑल सर्वश्रेष्ठ वाहिनी घोषित किया गया तथा शील्ड भेंट की गई। इस मौके पर आईटीबीपी की पर्वतारोहण इकाई, नक्सल विरोधी और कमांडो दस्तों और अन्य टुकड़ियों ने अपने रक्षा कौशल का प्रदर्शन किया।


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