नई दिल्ली, 23 नवम्बर (वीएनआई) राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार आकर्षण का केन्द्र बने हुए राजस्थान पवेलियन में पिछले दो दिनों में अपार जन समूह उमड़ा। अबतक के अनुमान में इस पवेलियन को करीब दो लाख से भी ज्यादा अधिक लोग देख चुके हैं ।
राजस्थान पवेलियन के जन आकर्षण का केन्द्र होने का प्रमुख कारण पवेलियन का विविधताओं से परिपूर्ण होना है। इसमें राजस्थान की समृद्ध कला, संस्कृति और इतिहास के साथ-साथ हस्तशिल्प कलाओं का भरपूर समावेश है। राजस्थान के दूरदराज क्षेत्रों से इस बार काफी संख्या में उद्यमियों ने पवेलियन में भाग लेकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है ।
इस वर्ष व्यापार मेला में राजस्थान के हस्तशिल्प सामान की जबर्दस्त बिक्री हो रही है। विशेषकर हल्के वजन एवं गर्म मिजाज की जयपुरी रजाईयों, राजस्थानी प्रिंट की साड़ियों तथा अन्य वस्त्रों के साथ राजस्थान के लाख की चूड़ियाँ, श्रृगांर के अन्य साजो.सामान और राजस्थानी मोजड़ियों, जूतियाँ, की मांग सबसे अधिक है।
इसके अलावा राजस्थान की तिल पापड़ी, गजक, बीकानेर के मशहूर पापड़, नमकीन, भुजिया, डिब्बा बंद मिष्ठान, चूर्ण, मसाले, सूखी सब्जियां, कैर-सांगरी और राजस्थानी कुल्फीयों, जोर गरम चना के साथ-साथ राजस्थानी खादी उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है।
राजस्थान पवेलियन में उपलब्ध हस्तशिल्प विविधताओं और कलात्मकता से परिपूर्ण दुनिया भर में बेजोड़ एवं लोकप्रिय है। व्यापार मेले में प्रदेश के मास्टर क्राफ्ट्समैन को अपनी प्रतिभा को निखारने और परम्परागत हस्तशिल्प के साथ-साथ उसमें नई विधाए जोड़ने, डिजाईन, मार्केटिंग और अन्य मार्गदर्शन देने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है ताकि प्रदेश के हस्तशिल्पयों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिल सके।
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