वाराणसी, 13 दिसंबर, (वीएनआई) भारत के सबसे प्रचीन शहर और अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में करीब 339 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उद्घाटन करते हुए कहा कि महारानी अहिल्याबाई के बाद काशी के लिए इतना काम अब हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जब मैं बनारस आया था तब एक विश्वास लेकर आया था, विश्वास अपने से ज्यादा बनारस के लोगों पर था। आज हिसाब-किताब का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि तब कुछ ऐसे लोग भी थे जो बनारस के लोगों पर संदेह करते थे कि कैसे होगा, नहीं होगा, ये मोदी जी जैसे बहुत आकर गए। उन्होंने आगे महारानी अहिल्याबाई का जिक्र करते हुए कहा कि काशी भारत की आत्मा का एक जीवंत अवतार भी है। काशी में मंदिर तोड़ा गया तो महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका निर्माण करवाया, मैं उन्हें नमन करता हूं। महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बाद काशी के लिए इतना काम अब हुआ है। महाराजा रंजीत सिंह जी ने मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़वाया था। मुझे बहुत आश्चर्य होता था, लेकिन ये जड़ता बनारस की नहीं थी, वो राजनीति थी। लेकिन काशी तो, काशी है। काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है। जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हो उस काशी को भला कौन रोक सकता है। शिव ने स्वयं कहा है कि मेरी इच्छा के बिना यहां कौन आ सकता है। काशी में जो कुछ भी होता है महादेव की इच्छा से हुआ है, जो भी हुआ है महादेव ने ही किया है।
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