बीजिंग, 9 जून (वीएनआई)| प्रधानमंत्री मोदी आज एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत करने चीन के तटीय शहर किंगदाओ पहुंच गए। वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य सदस्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। मोदी की पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है। मोदी और शी हालांकि पहले भी एक दर्जन से ज्यादा बार मिल चुके हैं, लेकिन किंगदाओ में शनिवार को होने वाली मुलाकात मध्य चीनी शहर वुहान में हुई 'ऐतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात' के करीब दो महीने बाद हो रही है। भारत और पाकिस्तान को पिछले साल आधिकारिक रूप से इस आठ सदस्यीय सुरक्षा समूह में शामिल किया गया था। इस संगठन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। दोनों देशों के बीच जून 2017 में सीमा पर दो महीने तक जारी रहे सैन्य गतिरोध के बाद 2018 में भारत और चीन के रिश्ते में सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है।
चीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के दक्षिण व दक्षिणपूर्व एशियाई एवं ओशनियन संस्थान के निदेशक हु शीशेंग ने आईएएनएस को बताया, "यह एक महत्वपूर्ण मुलाकात है, लेकिन स्वरूप में अधिक प्रतीकात्मक है। इसकी तुलना वुहान से नहीं की जा सकती। किंगदाओ में होने वाली मुलाकात औपचारिक होगी।"मोदी शनिवार को शी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोच्चि में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी।
एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में मोदी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे को उठा सकते हैं। शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी। चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं। चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है। मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।
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