हेग/नई दिल्ली,15 मई(वीएनआई)भारत ने आज हेग स्थित आज अंतरराष्ट्रीय न्यायालय मे भारतीय नागरिककुलभूषण जाधव को फांसी के मुद्दे पर पाकिस्तान पर वियना समझौते को दरकिनार रखने और उसे फॉसी की सजा दिये जाने को अंतर राष्ट्रीय नियमो का घोर उल्लघंन बताया तथा मॉग की कि अंतर राष्ट्रीय न्यायालय अपना अंतिम फैसला आने तक पाकिस्तान पर जाधव की फॉसी की सजा पर रोक लगा लगाये.भारतीय टीम का नेतृत्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को सौंपा गया .
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सज़ा सुनाए जाने के मुद्दे को लेकर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय या इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस या आईसीजेमे आज सुनवाई में भारत ने अपना पक्ष रख दिया है. इस संबंध में भारत ने अपनी मांगें साफ कर दी हैं. भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले मे भारत द्वारा जाधव को उच्चायोग से संपर्क किये जाने की इजाजत नही दी जो अंतर राष्ट्रीय नियमो का सरासर उल्ल्घंन है, उससे कथित तौर पर इकबालिया बयान लिया. भारत लगातार कहता रहा है कि जाधव के इक्बालिया बयान संबंधी टेप 'डोक्टर्ड' है.
भारत का कहना है कि न्यायालय इस मामले पर पाकिस्तान को निर्देश दे कि वह उस के निर्देश पर क्या क्या अमल कर रहा है.
इस मामले मे लगभग डेढ घंटे के जिरह के बाद श्री साल्वे ने उम्मीद जताई कि जाधव को इस अदालत से न्याय मिलेगा. भारत के पक्ष के बाद फिलहाल पाकिस्तान इस मामले मे अपना पक्ष रख रहा है. इस मामले मे मुख्य न्यायाधीश रॉनी अब्राहम के साथ 15 अन्य न्यायाधेश है. पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल कानेतृत्व वहा की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ कर रही है)हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय मे आज भारत के नागरिक कुलभूषण जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के खिलाफ भारत द्वारा दायर याचिका पर अहम सुनवाई हो रही है.नीदरलैंड्स के हेग में संयुक्त राष्ट्र के प्रधान न्यायिक अंग आईसीजे के पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में जन सुनवाई हो रही है जहां विवादित जाधव मामले पर दोनों पक्षों, भारत पाकिस्तान से अपना मत रखरहे है भारत ने आठ मई को आईसीजे में याचिका दायर कर 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव के लिए न्याय की मांग की थी और मामले के फैसले तक फॉसी की सजा पर स्थगन यानि रोक लगाये जाने की अपील की थी जिसे आई सी जे ने मंजूर कर लिया था.
इस मामले को ले कर १८ बरस बाद भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं. गौरतलब है कि इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. मामले की सुनवाई नीदरलैंड (हॉलैंड) के शहर हेग में स्थित पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में हो रही है. इससे पहले दोनों देश लगभग 18 साल पहले संयुक्त राष्ट्र की इस शीर्ष अदालत में आमने-सामने आए थे, जब पाकिस्तान ने उसके नौसैनिक विमान को मार गिराए जाने के मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था.भारत ने हेग स्थित आज अंतरराष्ट्रीय न्यायालय मे कुलभूषण जाधव को फांसी के मुद्दे पर आईसीजे में भारत ने इन दलीलों के साथ रखा अपना जोरदार पक्ष
भारतीय शिष्टमंडल ्मे विदेश मंत्रा लय मे पाकिस्तान मामलो के संयुक्त सचिव डॉ दीपक मित्तल भी हैं. भारत की ओर जाने माने वकील हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखा है. भारत ने पाकिस्तान पर विएना समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया कहा,पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया है. कुलभूषण जाधव को बिना राजनयिक मुलाकात का मौका दिए गिरफ्तार कर रखा गया, और अब उन पर फांसी की तलवार लटक रही है.
प्रेक्षको का मानना है कि आज भारत ने ठो्स सबूतो के साथ जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा है. भारत ने कहा पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाया जाना अनुच्छेद 36 के तहत अधिकारों के उल्लंघन है,भारत द्वारा अनुरोध किए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने कोई सबूत या दस्तावेज़ भारत को नहीं दिया.
अनुच्छेद 74 के अनुसार, प्रावधानिक कदम उठाए जाने का अनुरोध सभी अन्य अनुरोधों की तुलना में प्राथमिकता पाएगा.भारत ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर है, इसलिए कोर्ट से शॉर्ट नोटिस में संपर्क किया गया है.कुलभूषण को पाकिस्तान में कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया. जबकि भारत का कहना है कि उसे इइरान से अपह्व्त कर पाकिस्तान लाया गया जहा वे व्यापार करते थे
भारत की ओर से कहा गया कि आईएसपीआर (पाकिस्तानी सेना का मीडिया) के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव के पास दूतावास की पहुंच का अधिकार नहीं है. भारत इस बारे में यह कहना चाहता है -
तीन ऐसे मौके रहे हैं -
कॉस्टा रिका बनाम निकारागुआ केस में, बेल्जियम और सेनेगल के केस में जो संभव था उसका प्रयास किया गया था.
पैरागुए बनाम अमेरिका के मामले में कोर्ट ने यह फैसला किया था कि अमेरिकी सरकार पैरागुए के नागरिक को दूतावास की पहुंच उपलब्ध कराए.
जर्मनी बनाम अमेरिका के केस में भी कोर्ट ने यह कहा था कि जर्मनी के नागरिक को मौत की सजा न्याय के लिए क्षति होगी.
्भारत का कहना है कि कुलभूषण के मामले में कई कानूनी रास्ते उपलब्ध हैं. उसे तब तक फांसी नहीं दी जा सकती जब इस कोर्ट में केस चल रहा है. अगर ऐसा हुआ तो यह समझौते का उल्लंघन होगा.
पाकिस्तान अभी तक आश्वासन नहीं दे पाया है कि कुलभूषण को केस चलने तक फांसी नहीं दी जाएगी.
भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके पास कुलभूषण जाधव के जासूसी करने के कई सबूत हैं. लेकिन भारत के लगातार आग्रहों को उसने खारिज कर दिया और एक भी सबूत इस मामले में नहीं दिखाया.
भारत ने साफ कहा कि जाधव पर लगे जासूसी के आरोपों से भारत इनकार करता है.
भारत का कहना है कि जाधव का अपहरण ईरान से किया गया और सेना के कब्जे में रहते हुए उनसे कबूलनामा लिया गया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ आधारहीन, सुविचारित और प्रोपेगैंडा के तहत आरोप लगाए.
पाकिस्तान के आरोपों में सत्यता का अभाव है. जब से पाकिस्तान ने उसको अपनी जमीं पर पकड़े जाने का दावा किया है तब से भारत को उस तक पहुंच के अधिकार से वंचित रखा गया है.
भारत ने विएना समझौते के अनुच्छेद 1 के तहत केस दर्ज किया है. कोर्ट ने हमेशा ही दूतावास की पहुंच उपलब्ध कराई जब भी ऐसे मामलों में मिलिट्री कोर्ट में केस चला है. भारत यह फिर कहता है कि भारत को यह पहुंच अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.
भारत को अभी तक कुलभूषण पर लगे आरोपों की कॉपी नहीं दी गई है. इस वजह से भारत उस पर लगे आरोपों पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं कर पाया है. हम कुलभूषण जाधव के मामले में कानूनी रूप से अपना पक्ष रखना चाहते हैं.
भारत ने कहा कि वह इस मामले में विएना समझौते के आधार पर अपनी बातें रखी हैं. हम केवल यह कहना चाहते हैं कि इस प्रकार की किसी भी गिरफ्तारी के लिए संबंधित देश को तुरंत सूचित किया जाना चाहिए.
यह मामला प्रथम दृष्टया विएना समझौते का उल्लंघन है. जाधव के पाकिस्तान में होने की परिस्थिति के बारे में कुछ बातें अभी तक साफ नहीं हैं.
भारत ने पाकिस्तान कई आवेदन देकर यह मांग की कि कुलभूषण जाधव तक पहुंच उपलब्ध कराई जाए