नई दिल्ली, 09 जुलाई, (वीएनआई) सर्वोच्च न्यायलय ने आज ताजमहल परिसर में बाहरी लोगों को नमाज अदा करने से रोकने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और इसलिए ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। न्यायलय ने कहा कि ताजमहल में नमाज पढ़ने की जरूरत क्या है, कहीं और भी तो नमाज पढ़ी जा सकती है। ताजमहल पर्यटकों के लिए शुक्रवार को नहीं खोला जाता है।
गौरतलब है ताज के अंदर बनी मस्जिद में हर शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा की जाती है जिसमें स्थानीय लोग हिस्सा लेते हैं। वहीं, स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना मिली थी कि कुछ बाहरी लोग भी नमाज अदा करने परिसर में आ रहे हैं। आगरा प्रशासन ने 24 जनवरी को निर्देश दिया था कि जुमे की नमाज अदा करने के लिए जरूरी पहचान पत्र के साथ केवल स्थानीय लोग ही परिसर में दाखिल हो सकते हैं। वहीं, प्रशासन के इस आदेश को एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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