बेरोक टोक धूम्रपान' वाला उत्तरी कोरिया आखिरकार इस लत के खिलाफ कदम उठाने लगा है

By Shobhna Jain | Posted on 15th Jul 2016 | देश
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प्योंगयांग,15 जुलाई(वीएनआई)उत्तर कोरिया दुनिया के उन चुनींदा देशो मे शामिल है जहा के पुरूष कही भी बेरोक टोक धुम्रपान कर् सकते है.लेकिन गनीमत है कि अब वहा ही इस लत के खिलाफ अभियान जोर पकड़ रहे है.धुम्रपान केखिलाफ दुनिया भर मे तेजी से बढी जागरूकता के बीच उत्तर कोरिया दुनिया के उन चुनींदा देशो मे शामिल है जहा के ्वयस्क पुरूष कही भी बेरोक टोक धुम्रपान कर् सकते है । इतना ही नहीं यहाँ के ्शीर्ष नेता किम जोंग के हाथों में भी हमेशा सिगरेट दिखाई देती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब, यहाँ के लोगों में धूम्रपान की लत से मुक्ति के लिए जागरूकता फ़ैलाने का काम किया जा रहा है और इन प्रयासो को सरकारी समर्थन भी हासिल है। उत्तर कोरिया ने पहले भी इसके खिलाफ कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हुए, जिस की अनेक वजहे थे और एक मुख्य वजह धन की कमी बताई जा रही है। लेकिन इस दौड़ान सबसे अच्छी बात यह रही कि एक अभियान के तहत धूम्रपान के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोशिश भी जारी रही, लेकिन इस बार कौशिश कुछ खास तरह की है जिसका नेतृत्व एक 57 वर्षीय फार्मेसिस्ट रीयोंग कर रही है। जिनके पति इसी लत के चलते फेंफड़े के केंसर् ्के चलते चल् बसे. इस बार इस अभियान को औरते बढ चढ कर समर्थन दे रही है दिलचस्प बात यह है कि यहाँ की कोई भी महिला धुम्रपान नहीं करती, जिसे चलाये जा रहे अभियान के लिये सकारात्मक पहलु कहा जा सकता है। रीयोंग का कहना है कि मैं सकारात्मक सोच की हूँ, हम लोगों को धूम्रपान न करने के लिए प्रेरित कर रहें हैं, जिसके लिए हमारा लक्ष्य शिक्षा स्तर को बढ़ाना है। लोगों की सेहत ठीक होने से देश आगे बढेगाl विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में उत्तरी कोरिया के लगभग 54 प्रतिशत पुरुष धुम्रपान करते हैं, जो 2014 के आंकड़े 43.9 से अधिक है। धुम्रपान महिलाओं के लिए वर्जित है, साथ ही 17 साल से कम आयुवर्ग के लिए गैर कनूनी भी। उत्तरी कोरिया ने आज से पहले धूम्रपान रोकने की कोशिशों को अधिक महत्व नहीं दिया, जिस वजह से वहाँ लोग धड़ल्ले से धुम्रपान करते है । हालांकि रियोंग ने 2007 में रीस हम्बल एंटी स्मोकिंग सेंटर की स्थापना की, जो धूम्रपान से होने वाले नुकसानों के प्रति समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया, परन्तु कोई अधिक सफलता नहीं मिली। धूम्रपान को रोकने के लिए उठाये जा रहे क़दमों में मौजूदा सरकार के अनुसार तम्बाकू की खेती के लिये जमीन कम कर दी। वहाँ के मीडिया के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 2009 के मुकाबले 2013 में पुरुष धुम्रपान करने वालों की संख्या में 8 प्रतिशत की कमी आई है। कहा यह भी जा रहा है कि हर दिन धुम्रपान छोड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है। अब सिगरेट पैकेट्स पर स्वस्थ्य चेतावनी भी लिखी जा रही है लेकिन दिक्कत यह है कि वह बहुत छोटे शब्दो मे लिखी जाती है.खैर देर आयद दुरूस्त आयद...वी एन आई
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