नई दिल्ली,१ जून ( सुनीलजे/वीएनआई) इस वर्ष की आईएएस टॉपर कर्नाटक की केआर नंदिनी सरकारी स्कूल से पढी है उनके पिता के आर रमेश स्कूल शिक्षक है और मॉ विमला की वी गृहणी है.उनकी कामयाबी इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने चौथी कोशिश में ये मुकाम हासिल किया है. अब सुनिये नंदिनी की सफलता का मंत्र - कभी हार नही मानो, जुटे रहो सफलता देर से ही सही मिल कर रहेगी जरूर.उनका कहना है कि धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ ही सफलता मिलती है. साथ ही कठिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. वे कहती हैं कि हमारा बुनियादी उसूल होना चाहिए कि हम जहां हों वहां अपना सर्वश्रेष्ठ दें. सिविल परीक्षा की तैयारी के बारे में नंदिनी ने कहा कि उन्होंने कभी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं की, बल्कि एक निश्चित लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करती थीं. उनका कहना है कि सब्जेक्ट भले ही कोई भी हो, तैयारी अच्छी हो तो सफलता निश्चित रूप से मिल सकती है.
रिजल्ट से बेहद खुश नंदिनी ने कहा कि वह हमेशा से आईएएस बनना चाहती थीं. नंदिनी ने वैकल्पिक विषय के तौर पर कन्नड़ साहित्य का एग्जाम दिया था. उन्होंने बेंगलुरु के एम.एस. रमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से सिविल इंजिनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की थी.्वर्ष २०१४ से वे लगातार इस परीकषा मे सफल हो करपना रेंक बेहतर और बेहतर करती आ रही है.
नंदिनी अभी फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय सीमा-शुल्क, उत्पाद शुल्क एवं नारकोटिक्स अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. वह मूल रूप से कर्नाटक के कोलार जिले की रहने वाली हैं.
इंजीनियरिंग के बाद कर्नाटक के पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी कर ली वे दो वर्ष तक दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन मे इंजीनियर भी रही. बारहवीं की पढ़ाई के लिए वो चिकमंगलूर ज़िले के मूदाबिदरी आईं और 94.83 प्रतिशत अंक हासिल किए. वो ओबीसी कैटेगरी से हैं.
नंदिन के दोस्त पिछले एक हफ्ते से उनका मजाक उड़ा रहे थे. चूंकि वो पहले भी दो बार सिविल सर्विस के लिए ट्राई कर चुकी थीं इसलिए इस बार वे कह रहे थे कि नंदिनी ही टॉप करेंगी. उन्हें शायद पता नहीं था कि उनकी ये बात सच हो जाएगी.