खुद से दवाएं लेने पर बिगड़ सकती है एलर्जी : आईएमए

By Shobhna Jain | Posted on 20th Jul 2017 | देश
altimg

नई दिल्ली, 20 जुलाई (वीएनआई/आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि खुद से दवाएं लेने पर एलर्जी और अधिक बिगड़ सकती है। देश के कुल आबादी के लगभग 20 से 30 प्रतिशत लोगो में एलर्जी कारक राइनाइटिस रोग मौजूद हैं।

आईएमए के अनुसार, प्रति दो लोगों में से लगभग एक व्यक्ति आम पर्यावरणीय कारणों से किसी न किसी प्रकार की एलर्जी से प्रभावित है। एलर्जिक राइनाइटिस एक पुराना गंभीर श्वसन रोग है, जो दुनिया भर की आबादी के एक तिहाई हिस्से को प्रभावित करता है। लोग इसे बीमारी की श्रेणी में नहीं रखते, इसलिए यह रोग बढ़ता चला जाता है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक यह है कि बहुत से लोग स्वयं ही दवाई लेकर इलाज शुरू कर देते हैं, जो कि ज्यादातर समय तक कोई राहत प्रदान नहीं करती है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "एलर्जिक राइनाइटिस होने पर नाक अधिक प्रभावित होती है। जब कोई व्यक्ति धूल, पशुओं की सूखी त्वचा, बाल या परागकणों के बीच सांस लेता है तब एलर्जी के लक्षण उत्पन्न होते हैं। ये लक्षण तब भी पैदा हो सकते हैं जब कोई व्यक्ति कोई ऐसा खाद्य पदार्थ खाता है, जिससे उसे एलर्जी हो।उन्होंने कहा, "शरीर में एलर्जी पैदा होने पर हिस्टामाइन रिलीज होता है, जो एक प्राकृतिक रसायन है और शरीर को एलर्जिन से बचाता है। जब हिस्टामाइन जारी होते हैं, तो ये एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों के रूप में प्रकट होते हैं, जिसमें नाक बहना, छींकना और नेत्रों में खुजली शामिल है। हालांकि, किसी को भी एलर्जी से प्रभावित किया जा सकता है, लेकिन परिवार में पहले से ही किसी को एलर्जी हो तो बच्चों को भी यह तकलीफ होने का भय रहता है। अस्थमा या एटोपिक एक्जिमा होने पर भी अक्सर एलर्जी हो जाती है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एलर्जिक राइनाइटिस के सबसे आम लक्षणों में प्रमुख हैं- छींकना, नाक से पानी बहना, खांसी, गले में खराश, खुजली और आंखों से पानी बहना, लगातार सिरदर्द, खुजली, पित्ती और अत्यधिक थकान। कुछ बाहरी कारक इन लक्षणों को खराब कर सकते हैं जैसे धुंआ, रसायन और प्रदूषण आदि। उन्होंने बताया, "एलर्जिक राइनाइटिस मौसमी (जैसे वसंत के दौरान या कुछ अन्य मौसमों के दौरान) या बारहमासी (पूरे वर्ष) हो सकती है। बच्चों और किशोरों में मौसमी एलर्जिक राइनाइटिस अधिक होती है। इसके लक्षण 20 की उम्र से पहले दिखने शुरू हो सकते हैं। एलर्जी की प्रतिक्रिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि शरीर को किसी संभावित ट्रिगर्स को प्रकट नहीं करने देना।" एंटीहिस्टामाइंस, डिकंजस्टेंट्स और नाक में डालने वाला कॉर्टिकोस्टेरॉइड स्प्रे जैसी कुछ दवाएं एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि ये केवल डॉक्टर के साथ परामर्श करके ही ली जानी चाहिए।

एलर्जिक राइनाइटिस से बचने के उपाय :

* परागकण वायुमंडल होने पर घर के अंदर रहें।

* सुबह-सुबह बाहर जाकर व्यायाम करने से बचें।

* बाहर से आने के तुरंत बाद एक शॉवर ले।

* एलर्जी के मौसम में खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।

* जब आप बाहर निकलें तो मुंह और नाक को ढंक लें।

* अपने कुत्ते को सप्ताह में कम से कम दो बार स्नान कराएं।

* धूल के कणों को कम करने के लिए घर में कालीन न रखें।
 

सम्बंधित खबरें

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Connect with Social

प्रचलित खबरें

खूबसूरती
Posted on 19th Mar 2016
© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india