नई दिल्ली, 06 मार्च, (वीएनआई) नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ देशभर मर हो रहे विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने कहा 'एनपीआर में माता-पिता के जन्मस्थान, जन्मतिथि को बताना ही होगा।
गृह मंत्रालय ने संसद की स्टैंडिंग कमेटी से कहा है कि इस तरह के सवाल पहले भी एनपीआर में पूछा जा चुके हैं। वहीं कमेटी का मानना है कि एनपीआर को लेकर सरकार लोगों को एकजुट नहीं कर सकी, लिहाजा इस बात का डर है कि जनगणना की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। वहीँ सरकार ने साफ कर दिया है कि वह एनपीआर में पूछे जाने वाले सवालों से पीछे नहीं हटेगी।
गौरतलब है कि एनपीआर की प्रक्रिया इस वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है। गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी ने डिमांड फॉर ग्रांट्स (2020-2021) की रिपोर्ट राज्यसभा में गुरुवार को रखी है। इस कमेटी की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनपीआर फॉर्म 2020 में माता-पिता के जन्मस्थान और उनकी जन्मतिथि को लेकर सवाल पूछे गए हैं। वहीँ नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का देश के तमाम राज्यों में विरोध हो रहा है। विपक्ष तमाम राज्यों से अपील कर रहा है कि अपने राज्य में एनपीआर को ना होने दें। यही नहीं कई राज्यों ने एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है।
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