नई दिल्ली, 9 मार्च (वीएनआई)। उपहार सिनेमा के मालिक गोपाल अंसल की जेल नहीं भेजने की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने आज खारिज करते हुए आत्मसमर्पण की अवधि में 10 दिन की छूट दी है। गौरतलब है अंसल ने 1997 में हुई उपहार कांड मामले में अपनी एक साल की जेल की सजा की बाकी अवधि में छूट के लिए याचिका दायर की है।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कूरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की खंडपीठ ने अंसल को जेल की सजा की सात महीने की बाकी अवधि पूरा करने के लिए 20 मार्च को आत्मसमर्पण का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने कहा, अपील खारिज की जाती है। मुलजिम गोपाल अंसल को बाकी के सात महीनों की जेल की सजा काटने के लिए आत्मसमर्पण करना होगा।
गोपाल अंसल ने अपने भाई सुशील अंसल के समान सजा में बदलाव की मांग की थी। न्यायालय ने सुशील अंसल की उम्र संबंधी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कहा था कि उसने पहले ही जेल की सजा काट ली है। वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने गोपाल अंसल की तरफ से अदालत से कहा, उनका सिनेमा हॉल बंद हो गया और वह व्यावहारिक रूप से कुछ अन्य लोगों की मदद और दान पर जी रहे हैं। गोपाल अंसल को बाकी की सजा जेल में काटने के लिए 9 मार्च को आत्मसमर्पण करना था। वे मामले की सुनवाई के दौरान अपने एक साल की सजा में से 4 महीने पहले ही जेल में काट चुके हैं। उपहार सिनेमा कांड में 59 लोग मारे गए थे। वे इस मामले में अपने भाई सुशील अंसल के साथ सह-अभियुक्त हैं।