मंगलसूत्र का खौफ !

By Shobhna Jain | Posted on 3rd Jan 2018 | देश
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नई दिल्ली, (शोभना जैन/वीएनआई) पाकिस्तान की काल कोठरी मे बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मॉ और पत्नि जब पाकिस्तान में उनसे मिलने जा रही थी तो उनकी पत्नि चेतनाकुल, फोटो मे भारत मे सुहाग का पारंपरिक प्रतीक माने जाने वाले मंगलसूत्र पहने नजर आयी,लेकिन जाधव से मुलाकात से पहले  शायद पाकिस्तान के लिये यही मंगलसूत्र 'सुरक्षा' के लिये एक बड़ा खतरा बन गया और मुलाकात से पहले न/न केवल इन्ही सुरक्षा ्कारणो  की निहायत लचर दलील दे कर उनकी मॉ अवन्तिका  और पत्नि के  कपड़े बदलवाये गये उनके बालो मे लगी क्लिप हटवा दी गई,यहा तक कि उन के पत्नि का मंगल सूत्र और और बिंदी तक उतरवा दी गई.चेतना जब पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा 'बिना किये अपराध की' आनन फानन मे मौत की सजा सुनाये गये अपने पति से शीशे की दीवार से झॉक कर मिली तो पति की खैरियत के सुहाग के जो प्रतीक वह पहनती है,वह पाकिस्तान मे उन से उतरवा लिये गये.चेतना से पति की जो 'रस्मी' मुलाकात हुई वह  बिना बिंदी और मंगलसूत्र के. ...पाकिस्तान को मंगलसूत्र किस तरह से  तथाकथित सुरक्षा के लिये खतरा लगा इस पर किसी भी तर्क की गुजांयश नही है.अगर चेतना मंगलसूत्र  पति की दीर्घायु के लिये जरूरी मानती है तो पाकिस्तान आखिर इस तरह से मानवीय संवेदनाओ के साथ घिनोने खिलवाड को वह किस तरह से अंतर राष्ट्रीय जगत मे सही ढहरा सकेगा? भारत के विदेश मंत्रालय ने भी चेतना के इस तरह से मंगलसूत्र, बिंदी और चूडियॉ उतरवाने पर क्षोभ जताते हुए इसे भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओ की  धज्जियॉ उड़ा्ना बताया है.
 
इस मुलाकात का जो फोटो पाकिस्तान ने जारी किया ,उस मे जाधव के पत्नि और मॉ के चेहरे पर लिखे अनकहा दर्द किसी पत्थर दिल को भी पसीज सकता है.अमानवीयता या यूं कहें शायद दहशत का आलम यह  था कि जाधव की मॉ और पत्नि से उनकी मातृ भाषा मराठी मे बात नही करने दी गई. पाकिस्तान ने भले ही जाधव की मॉ और पत्नि के साथ मुलाकात के लिये  एक सोची समझी चाल के तहत  अंतर राष्ट्रीय समुदाय को दिखाने के लिये   हामी भर दी  हो कि उस से वह मानवीयता का ढोल बजा सकेगा, लेकिन ्निश्चय ही  मुलाकात जिस तरह से अमानवीय तरीके से करवाई गई, मॉ पत्नि के साथ जो सलूक किया गया, केमरों की कड़ी नजरो के बीच अधिकारियो की बाज निगाहो के बीच शीशे की दीवार से झॉकते हुए इंटर्कॉम के जरिये तीनो के बीच सीमित बातचीत हुई.साफ लग रहा था जाधव पर इतना दबाव था कि वे वो ही बोले जो उन से बुलवाया गया  उस सब से उस की बदनीयति का पर्दा फाश ही हुआ है.पति पत्नि ,मॉ और बेटे के बीच जो एक भावुक मुलाकात होती, उस्के बदले पाकिस्तान ने उसे बेहद घटिया  दर्जे या यूंकहे कि अमानवीय करतूत बना दिया.
 
बाईस महीनो बाद अपने उस परिजन से मिलने के बाद. जिसे मौत की सजा सुनाई गई हो,मॉ,पत्नि के  दिल मे तूफान उठ रहे होंगे ,ऐसे मे जब  दोनो महिलायें उन से रस्मी मुलाकात के लिये मिल कर निकली तो दिल मे उठ रहे तूफान के बावजूद दोनों ने हिम्मत बनाये रखी, जबकि यह तक पता नही कि अगली बार जाधव का चेहरा देखना नसीब होगा या नही, एक दृढ इच्छा शक्ति और विश्वास ने शायद  दोनो के चेहरे पर 'वीतरागी' भाव ला दिये थे . लेकिन मानवीयता का ्ढोंग  रचने की आड़  मे घोर अमानवीय व्यवहार करते हुए पाकिस्तान को इस सब से भी संतोष नही हुआ.पाक विदेश मंत्रालय के  दरवाजे पर जब दोनो महिलाये पाकिस्तान स्थित भारतीय उप उच्चायुक्त जे पी सिंह के साथ वाहन का इंतजार कर रही थी तो जान बूझ कर उन के वाहन को देर से लाया गया ताकि वहा 'जुटा' कर लाया गया मीडिया उन्हे घेर सके और ्मीडिया के नाम पर आये असमाजिकतत्व अशोभनीय टिप्पणियॉ और नारे बाजी कर सके.  कुलभूषण के परिवार के साथ की गई इस बदसलूकी पर भारत ने पाकिस्तान को कड़ी लताड़ लगाई है.भारत ने कहा है कि जिस तरह से मुलाकात हुई वह साफ तौर पर इस बात का प्रयास है कि किस तरह से जाधव ्पर झू्ठे बेबुनियाद  आरोप लगा कर उन्हे सही ठहराने की साजिश है.निश्चित तौर पर इस पूरी प्रक्रिया की कोई विश्वसनीयता नही है. मुलाकात से पहले दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में थे, सभी कुछ पहले ही तय कर दिया गया था. इसके बावजूद पाकिस्तान की ओर से मुलाकात की तय बातों का उल्लंघन किया गया. 
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार जब-जब  जाधव की मॉ ने बेटे से अपनी मातृ भाषा  मराठी में बात की कोशिश की तो मुलाकात के वक्त मौजूद पाकिस्तानी महिला अधिकारी ने इंटरकॉम ऑफ कर दिया.भले ही पाकिस्तान ने अन्तर राष्ट्रीय ्जगत मे मानवीय चेहरा दिखाने या अंतर राष्ट्रीय न्यायालय जहा भारत ने जाधव की सजाये कैद के खिलाफ अपील कर रखी है, उअहा अपना मानवीय पक्ष राखने की साजिश बतौर किया है लेकिन यह पॉसी उल्टा ही पड़ा है  बैठक से पहले इसके तौर-तरीक़े तय करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर दोनों सरकारें संपर्क में थीं. दोनों पक्षों में समझ साफ़ थी कि और भारतीय पक्ष अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग रहा, लेकिन हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि पाकिस्तान ने कुछ इस तरह बैठक की जिसमें इस समझ का उल्लंघन हुआ.
 
भारत सरकार की ओर से ये कहा गया कि हमें इस बात का भी खेद है कि जो भरोसा दिलाया गया उसके ख़िलाफ़, पूरी बैठक का कुल माहौल कम से कम परिवार के लोगों के लिए डराने वाला था. हालांकि परिवार के सदस्यों ने हालात का बहुत हौसले और दृढ़ता से सामना किया. बैठक के बाद मिले फीडबैक से लगता है कि जाधव बहुत तनाव में थे और ज़ोर-जबरदस्ती के बीच बोल रहे थे. उनकी ज़्यादातर टिप्पणियां जैसे उन्हें सिखाई गई थीं और उनका मक़सद पाकिस्तान में उनके कथित गतिविधियों की झूठी कहानी को आगे बढ़ाना था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक से पहले भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह को मुलाकात से अलग किया गया, जबकि ये पहले से ही तय था कि वे मौजूद रहेंगे. हालांकि, भारतीय अधिकारियों के टोकने के बाद उन्हें शामिल होने दिया गया. उन्होंने बताया कि कुलभूषण जाधव काफी चिंताजनक और परेशानी वाली स्थिति में हैं.
 
हालांकि भारत को इस बात की तसल्ली है कि इस बात की तस्दीक हो गई कि कुलभूषण जाधव जिंदा है. वह शारीरिक तौर पर फिट भी हैं और इस बात का दावा करने के लिए पाकिस्तान ने जाधव की एक मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की, लेकिन उस रिपोर्ट में लिखी बातें कितनी सच है भारत इसकी तस्दीक की कोशिश कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव के मामले की पैरवी करने वाले वकील हरीश साल्वे का कहना है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी की मनोदशा ठीक नहीं है. उन्हें यह विश्वास पत्नी व मां के साथ जाधव की बातचीत के तरीके से हुआ. एक टीवी चैनल से बातचीत में साल्वे का कहना था कि जाधव की बातों से ऐसा लग रहा था, मानो उन्हें किसी चीज की कोई चिंता नहीं है. वह इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी सजा को अमली जामा पहनाया जाए. पाकिस्तान ने सोमवार को कथित भारतीय जासूस जाधव को 'भारतीय आतंकवाद का चेहरा' बताया और कहा कि उन्हें राजनयिक पहुंच दिए जाने के बारे में सही समय पर विचार किया जाएगा. पाकिस्तान ने साथ ही यह भी कहा कि जाधव और उनके परिजनों की यह मुलाकात अंतिम नहीं है. पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने जाधव की पत्नी चेतनकुल और मां अवंति से जाधव की मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, "यह अंतिम मुलाकात नहीं है, मुझे यह स्पष्ट रूप से कहना है.खैर जाधव का भविष्य अनिश्चित है.पाकिस्तान के अंदर भी सेना और राजनैतिक नेटृत्व के बीच सात्ता संघर्ष चल रहा है, काफी कुछ उनका भविष्य इस सत्ता संघर्ष की परिणति पर निर्भर करेगा.समाप्त. साभार-पंजाब केसरी
 

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