न्यूयार्क, 9 जनवरी (वीएनआई)| अगर सही तरीके से पर्याप्त व्यायाम किया जाए तो उससे बुढ़ापे की वजह से कमजोर पड़ा दिल दुबारा चुस्त-दुरुस्त हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे भविष्य में दिल के विफल होने के जोखिम से भी बचाव होगा।
व्यायाम से सबसे ज्यादा लाभ उठाने के लिए इसे 65 साल की उम्र से पहले से ही शुरू कर देना चाहिए, जब दिल में इतनी लोचता बरकरार होती है कि उसे वापस ठीक किया जा सके। पहले के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया था कि व्यायाम सप्ताह में चार से पांच बार किया जाना चाहिए। शोध के सह-लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर व संस्थान के निदेशक बेंजामिन लीवाइन ने कहा, हमारे दल द्वारा किए गए पिछले पांच सालों में किए गए अध्ययनों की श्रृंखला से पता चलता है कि व्यायाम का 'खुराक' ही जीवन के लिए मेरा नुस्खा है। अध्ययन की रिपोर्ट सर्कुलेशन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
शोध के दौरान प्रतिभागियों को दो अलग-अलग समूहों में बांटा गया। लगातार दो सालों को एक समूह को कसरत करने तथा दूसरे समूह को योग व बैलेंस ट्रेनिंग करने को कहा गया तथा उनका लगातार पर्यवेक्षण किया गया। इनमें से जिस समूह ने व्यायाम किया था उनमें व्यायाम के दौरान ऑक्सीजन खींचने में 18 फीसदी सुधार दर्ज किया गया, साथ ही हृदय की लोचता में 25 फीसदी सुधार दर्ज किया गया। उम्र बढ़ने के साथ दिल की मांसपेशियां कठोर हो जाती है, जो ऑक्सीजन से भरपूर रक्त शरीर को पहुंचाती है। शोधकर्ताओं ने समझाया, "जब दिल की मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं, तो आपको उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, क्योंकि दिल के कक्ष में रक्त सही मात्रा में भर नहीं पाता। इसके सबसे गंभीर रूप में दिल के कक्ष से रक्त फेफड़े में वापस आ सकता है। यही वह वक्त होता है, जब हार्ट फेल होने लगता है।"
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