नई दिल्ली, 14 अगस्त, (वीएनआई) देश में फिर से एक साथ चुनाव कराने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने इस बारे में कहा है कि वर्तमान परिदृश्य में पूरे देश में एक साथ चुनाव संभव नहीं है।
गौरतलब है भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक साथ चुनाव कराने को लेकर विधि आयोग को पत्र लिखकर एक बार फिर इस मुद्दे को गरमा दिया है। इस मसले पर अब मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि वर्तमान परिदृश्य में पूरे देश में एक साथ चुनाव संभव नहीं है। वहीं एनडीए सरकार में सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि एक साथ चुनाव फिलहाल इस लोकसभा चुनाव के साथ संभव नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि राज्य विधानसभाएं अगर सहमत हो जाएं तो एक साथ चुनाव कराना संभव है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार अगले साल लोकसभा चुनावों के साथ 10-11 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराने के प्रयास कर रही है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगर पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात तो बिना संशोधन के संभव नहीं दिखता। जैसा 11 राज्यों के चुनाव का मीडिया में आया तो उस तरह की स्थिति में एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे बताया कि एक साथ चुनाव को लेकर चुनाव आयोग 2015 में ही व्यापक सुझाव दे चुका है। चुनाव आयोग बता चुका है कि इसके लिए संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून में कौन-कौन से संशोधन कराने होंगे। ओपी रावत ने कहा कि इन संशोधनों के बाद अन्य जरूरतो में पर्याप्त वोटिंग मशी, अधिक सुरक्षाकर्मियों जैसी जरूरतों से भी अवगत करा दिया गया था। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव बिल्कुल कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के पहले 4 चुनाव 1967 तक एक साथ हुए हैं। मशीनें पर्याप्त हों, सुरक्षाकर्मी पर्याप्त हों और कानूनी प्रावधान हों, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
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