नई दिल्ली 3 मार्च (वीएनआई)पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र चुनाव आयोग सख्त रुख अख्तियार करते हुए नोटबंदी के बाद बहुजन समाज पार्टी के बैंक खातों में जमा हुई भारी भरकम रकम पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने बसपा को एक नोटिस जारी किया है । इस नोटिस मे बसपा से 105 करोड़ का हिसाब मांगा है, चुनाव आयोग ने बसपा सुप्रीमो मायावती को जारी नोटिस में 15 मार्च तक जवाब देने को कहा है
गौरतलब है कि ईडी को बहुजन समाज पार्टी के बैंक के खाते में कुल 104 करोड़ से अधिक नकदी जमा होने का पता चला था.चुनाव आयोग ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल एक याचिका का उल्लेख किया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पार्टी ने पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद छोटी सी अवधि में कई बार अपने बैंक खाते में भारी भरकम रकम जमा की.
हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि बसपा ने बहुत ही कम अवधि में अलग-अलग समय में अपने बैंकों में भारी भरकम रकम एकत्र की है। अतः आयोग के चुनाव खर्च विभाग ने अब पार्टी से जवाब-तलब किया है। उल्लेखनीय है कि कि 1000 और 500 के नोटों के तुरंत प्रभाव से बंद करने के ऐलान के बाद बसपा ने अपने विभिन्न खातों में 1000 व 500 के पुराने नोटों के माध्यम से 102 करोड़ रुपए और पुराने 500 के नोटों के माध्यम से तीन करोड़ रुपए जमा कराए थे, लेकिन इस मोटी रकम की आय के स्रोत अभी तक नहीं बताएं हैं।
आयोग की चुनाव व्यय इकाई द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, 'आपसे अनुरोध है कि आपकी पार्टी द्वारा नकदी में प्राप्त चंदों और पार्टी के खातों में जमा धन के संबंध में याचिका में उठाए गए मुद्दे पर अपनी टिप्पणियां और विचार भेजें'. इससे पहले खबरों के अनुसार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी पार्टी को इस संबंध में नोटिस जारी किया है.
प्रवर्तन निदेशालय को 26 दिसंबर को यहां यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा में बसपा के एक खाते में कुल 104 करोड़ रपये से अधिक नकदी जमा होने का पता चला था.
दूसरी तरफ नोटिस जारी होने के बाद बसपा ने प्रतिक्रिया स्वरूप कहा है कि चुनाव आयोग को उसके साथ-साथ सपा भाजपा और कांग्रेस से भी नोटबंदी के बाद अपने अपने खाते में जमा किए गए धन का विवरण मांगना चाहिए.