नई दिल्ली, 29 जनवरी (वीएनआई)| वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की अर्थव्यवस्था सात से साढ़े सात फीसदी विकास दर को प्राप्त कर सकती है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण-2017-18 में यह अनुमान जताया।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2017-18 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.75 फीसदी रहने का अनुमान है। सर्वेक्षण के मुताबिक प्रमुख आर्थिक सुधारों से अगले वित्तीय वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सर्वेक्षण में कहा गया कि पिछले साल सरकार की ओर से उठाए गए आर्थिक सुधार के अहम कदमों से मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी 6.75 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि अगले वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर सात से साढ़े सात फीसदी रह सकती है। इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाली अर्थव्यवस्था में शुमार होगी।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है तेल की कीमतों में वृद्धि सरकार की सबसे बड़ी चिंता रही है। सरकार कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है और वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के प्रति वचनबद्ध है। इसमें कहा गया है कि सरकार की ओर लागू आर्थिक सुधार के कदमों के बाद देश में अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2017-18 में वित्तीय घाटा 3.2 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, देश में निजी निवेश में इजाफा होने की संभावना है।
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