नई दिल्ली, 27 मई | मेट्रो का बढ़ा हुआ किराया दैनिक यात्रियों के लिए सिरदर्द बन गया है। विभिन्न संगठन बढ़ा हुआ किराया वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन डीएमआरसी किराए के मामले में अपना कदम पीछे न खींचने पर अड़ा हुआ है। उसका कहना है, 'हम नॉन पीक आवर' में 10 फीसदी छूट तो दे ही रहे हैं।'
किराया बढ़ने के बाद मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तीन फीसदी तक घट गई है। आलम यह है कि दैनिक यात्री नॉन पीक आवर में मिलने वाली 10 फीसदी छूट का लाभ लेने के लिए ऑफिस में अपनी शिफ्ट बदलवा रहे हैं, ताकि उन्हें थोड़ी सी राहत मिल जाए। ऑफिस जाने के लिए बदरपुर से गुड़गांव का सफर तय करने वाली कीर्ति मेहता मेट्रो किराया बढ़ने से परेशान हैं। वह कहती हैं, "किराए में उम्मीद से ज्यादा इजाफा हुआ है। नॉन पीक आवर में मिलने वाली छूट का लाभ लेने के लिए मैंने शिफ्ट बदलवा दी है। पहले मेरी शिफ्ट सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक थी, लेकिन मैंने अब इसे बदलवाकर सुबह आठ बजे करा ली है। अब मैं सुबह और शाम 10 फीसदी छूट का लाभ रोजना ले सकती हूं। इससे कुछ तो बचत होगी। बुद्ध विहार के मनप्रीत चड्ढा की चांदनी चौक में कपड़े की दुकान है, वह कहते हैं, "रोजाना आना-जाना है। किराए में ही जेब ढीली हो जाती है, मेरी मांग है कि डीएमआरसी इस बढ़े हुए किराए को तुरंत वापस ले, जिससे हमें राहत मिल सके।"
हालांकि, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने साफ कर दिया है कि वह बढ़ा हुआ किराया वापस नहीं लेने जा रहा। डीएमआरसी प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा, बढ़ा हुआ किराया वापस नहीं होगा। काफी सोच-विचार के बाद किराए में जो वृद्धि की गई है, वह बिल्कुल जायज है।
डीएमआरसी ने 10 मई से मेट्रो किराए में बढ़ोतरी की है, जिसका तत्काल काफी विरोध हुआ। कई लोगों ने जेब पर पड़े इस अतिरिक्त भार को देखते हुए बसों से सफर करना शुरू कर दिया था। डीएमआरसी के मुताबिक, "किराया बढ़ने के बाद से मेट्रो से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में तीन फीसदी तक की गिरावट देखी जा रही है। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कह रहे हैं कि 10 फीसदी छूट से उन्हें कुछ खास राहत नहीं मिलती। पुरानी दिल्ली में अकाउंटेंट का काम करने वाली पूनम अग्रवाल कहती हैं, "10 फीसदी छूट नाममात्र है, इससे राहत कैसे मिल सकती है। यह आटे में नमक बराबर है।" वहीं, डीएमआरसी ने पुष्टि की है कि अक्टूबर में फिर किराया बढ़ाने की उसकी योजना है।
मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद लोगों ने धड़ल्ले से न सही, लेकिन डीटीसी बसों का रुख किया है। डीटीसी के प्रवक्ता आर.एस. मिन्हास ने आईएएनएस से कहा, "हां यह सच है कि मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद डीटीसी बसों से सफर करने वालों की संख्या बढ़ी है।" उन्होंने हालांकि कोई आंकड़ा नहीं दिया। अब सबकी नजर अक्टूबर में एक बार फिर मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी पर है। तब तक जीएसटी भी बाजार पर अपना कमाल दिखा चुका रहेगा। त्योहारों के मौसम में डीएमआरसी के खिलाफ लोगों का रोष क्या रुख अख्तियार करता है, यह उसी समय पता चलेगा। फिलहाल लोग नॉन पीक आवर में मेट्रो से आने-जाने, बसों और कारपूलिंग के भरोसे बचत की आस लगाए हुए हैं।-(आईएएनएस)