नई दिल्ली, 20 मार्च (वीएनआई)| वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयकों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी प्रदान कर दी, जिसे जीएसटी परिषद से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
इन मसौदा विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017, एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) विधेयक 2017, केंद्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (यूटीजीएसटी) 2017 और वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को दिए जाने वाला मुआवजा) विधेयक 2017 शामिल है। एक आधिकारिक बयान में बताया गया, सरकार देश के सबसे बड़े सुधार को जितनी जल्दी हो सके उतना जल्दी लागू करने के प्रतिबद्ध है। सभी चारों जीएसटी विधेयकों को जीएसटी परिषद में पिछले छह महीने में हुई 12 बैठकों में विस्तृत विचार विमर्श के बाद पहले ही मंजूरी दे दी है। वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने आज बताया कि जीएसटी के सभी चारो विधेयकों को अगले 10 दिनों में संसद में प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। गंगवार ने बीटीवीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, अगले 10 दिनों में हम इन विधेयकों को लोकसभा के सत्र में पारित कराने के लिए रखेंगे।
सीजीएसटी विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवाओं की राज्य के भीतर आपूर्ति पर कर की वसूली का प्रावधान है, जबकि आईजीएसटी विधेयक में अंर्तराज्यीय वस्तु एवं सेवाओं पर कर की वसूली का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से यूटीजीएसटी विधेयक में केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, दमन और दीव तथा दादरा और हवेली में जहां उनकी अपनी विधानसभाएं नहीं, वहां केंद्र सरकार द्वारा कर लगाने और उसे वसूलने का प्रावधान किया गया है। मुआवजा विधेयक में राज्यों को पांच साल के लिए जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में हुई हानि को लेकर केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। इस दौरान जीएसटी के मसौदा विधेयकों को सभी राज्यों विधानसभाओं से पारित कराया जाएगा, जिनमें दिल्ली और पुदुच्चेरी भी शामिल है।