न्यूयॉर्क,10 अक्टूबर (वीएनआई)| भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उनके देश की सरकार उत्पाद के क्षेत्रों में विदेशी निवेश आमंत्रित करने के पक्ष में जनता की राय बदलने में सक्षम हुई है। उन्होंने कहा कि पहले इन क्षेत्रों को विचारधारा एवं सुरक्षा कारणों से विदेशी निवेश योग्य नहीं माना जाता था।
जेटली ने सोमवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और अमेरिका-भारत व्यापार परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक निवेशक गोलमेज बैठक में कहा, "हम अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) लाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले रक्षा जैसे क्षेत्रों को एफडीआई के योग्य नहीं माना जाता था, लेकिन अब हम इन क्षेत्रों में यह कहकर लोगों की राय बदलने में सक्षम हैं कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र को स्थापित करने के लिए विदेशी निपुणता को आमंत्रित करना बेहतर है। उन्होंने कहा, अचानक हमने देखा कि रक्षा में निवेश करने के लिए कई संयुक्त उपक्रम सामने आ रहे हैं।
जेटली एक सप्ताह के आधिकारिक दौरे पर अमेरिका में हैं और वह इस दौरान वाशिंगटन में होने वाले विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत में एफडीआई को लेकर प्रक्रिया सरल बनाई है। उन्होंने कहा, "95 प्रतिशत एफडीआई स्वचालित मार्ग से आता है। मेरे अंतिम बजट में, मैंने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड को समाप्त करने की भी बात कही थी।" उन्होंने कहा कि जो निकाय एफडीआई प्रस्तावों पर रोक लगाता हो, एफडीआई नियमों को उदार किए जाने के बाद उसका उद्देश्य समाप्त हो गया।
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