नई दिल्ली,31 दिसंबर (वी एन आई)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गत आठ नवंबर के नोटबंदी के एलान के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन मे देश वासियो को इस अभियान मे सहयोग और समर्थन देने के लिये आभार जताते हुए कहा कि इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है कि जब सरकार और लोग मिलकर साथ-साथ लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मुझे पता है कि आप लोगों को इस दौरान लंबी कतारों में लगना पड़ा है. भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.राष्ट्र के नाम इस संबोधन में प्रधान मंत्री ने समाज के कमजोर तबको, किसानो, महिलाओ, वरिष्ठ नागरिको के लिये अनेक कल्याण योजनाओ घोषणाये की . उन्होने कहा कि 125 करोड़ देशवासी नए साल का स्वागत नए निर्णयों, नई भावनाओं के साथ करेंगे. नोटबंदी के मसले पर उन्होंने कहा कि दीपावली के तुरंत बाद देश में शुद्धि यज्ञ का देश गवाह बना. आने वाले सालों में आने वाले भविष्य की यह रूपरेखा तय करेगा. समय के साथ जो बुराइयां उत्पन्न होती हैं, लोग उनसे मुक्त होने का प्रयास करते हैं. हमारा जीवन भी काले धन और भ्रष्टाचार से घिरा था. ईमानदार लोगों को इसको खत्म करने के लिए आगे आना पड़ा. दीपावली के बाद जो हुआ उससे साबित हो गया कि आम भारतीयों ने इससे निपटने का बीड़ा उठा लिया है.
पीएम मोदी ने कहा कि 1962 का युद्ध हो या चाहें 1965 का युद्ध हो, भारत ने उसके लोगों की देशभक्ति को देखा है. नोटबंदी के मसले पर बुद्धिजीवी आने वाले समय में कभी बहस करेंगे. बाहरी बुराईयों से लड़ना आम बात है लेकिन जब आम भारतीय अपने अंदर की बुराईयों से लड़ने का बीड़ा उठाता है तो यह प्रेरणादायक बात है. दीपावली के बाद भारतीयों ने धैर्य, त्याग से उस बुराई से लड़ाई ली है. तभी तो कहा जाता है कि ''कुछ बात ऐसी है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी.''
उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराईयां हमारे जीवन का हिस्सा बन गई थीं. लेकिन आठ नवंबर के बाद की घटनाओं ने हमको एक बार फिर से मुड़के देखने को मजबूर किया है. इससे साबित होता है कि सच्चाई और अच्छाई भारतीयों के लिए कितना मायने रखती है.
नए साल में हम आशा करते हैं कि बैंकों का कामकाज सामान्य होगा. उन्होंने कहा कि हमारे पास सिस्टम में जो नकदी आ गई थी, वह दरअसल असामान्य बात थी. इससे निपटारे के लिए नोटबंदी लागू की गई. करोड़ों भारतीयों ने जो धैर्य का परिचय दिया है, ऐसे में यदि लाल बहादुर शास्त्री, जेपी नारायण और लोहिया होते तो आशीर्वाद देते.
कुछ कल्याण घोषणाये करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि 2017 से जो ग्रामीण अपना घर बनाना या विस्तार करना चाहते हैं तो उनको लोन दिया जाएगा. दो लाख के लोन पर तीन प्रतिशत ब्याज की राहत, नौ लाख पर चार प्रतिशत की राहत, 12 लाख पर तीन प्रतिशत की राहत दी जाएगी. पिछले साल की तुलना में इस साल रबी की फसल अच्छी हुई है. जिन किसानों ने रबी की बुवाई के लिए कर्ज लिया था, सरकार उसके 60 दिन का ब्याज वहन करेगी. नाबार्ड और सहकारी बैंकों को वह राशि सरकार देगी.
लघु उद्यम क्षेत्र (एमएसएमई) के लिए भी सरकार ने कुछ फैसले लिए हैं. लघु उद्यमियों के लिए क्रेडिट गारंटी की राशि एक करोड़ से बढ़कर दो करोड़ की जाती है. इसमें एनबीएफसी कंपनियों के लोन को भी शामिल किया जाएगा. छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को इससे लाभ होगा. लघु व्यापार के लिए सरकार ने क्रेडिट लिमिट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. डिजिटल लेनदेन की स्थिति में टैक्स आठ प्रतिशत के बजाय छह प्रतिशत की दर से लिया जाएगा.
इनके लिए प्रधानमंत्री ने एक राष्ट्रीय स्कीम की घोषणा की. अब गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी, टीकाकरण और पोषणयुक्त भोजन के लिए छह हजार रुपये दिए जाएंगे. ये राशि सीधे उनके अकाउंट में जारी की जाएगी. मातृत्व मृत्यु दर को रोकने के मकसद से इसको लांच किया जा रहा है.
वरिष्ठ नागरिकों को 10 साल के लिए 7.5 लाख तक की जमा पर आठ प्रतिशत ब्याज की गारंटी होगी. ब्याज का भुगतान मासिक किया जाएगा.