चेन्नई, 30 जुलाई (वीएनआई)| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अगर किसी मुद्दे में वृहत्तर राष्ट्र हित की बात होगी तो सरकार विपक्ष के सामने जरा भी नहीं हिचकेगी।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि जीएसटी ऐसी कर सुधार प्रणाली नहीं है, जिसे आसानी से लागू किया जा सके और कुछ लोग हैं जो सुधारों पर रोक लगाना चाहते हैं। जेटली ने कहा, अगर सुधार राष्ट्र हित में हुआ, तो हम जरा भी नहीं हिचकेंगे। कुछ लोग आपको बहकाएंगे और कभी भी सुधार नहीं होने देंगे। जेटली ने जीएसटी को देश की अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने वाला बताया और कहा कि जीएसटी का विरोध करने वाले उद्योग ऐसा आय कर चुकाने से बचने के लिए कर रहे हैं। जम्मू एवं कश्मीर द्वारा जीएसटी लागू करने का उदाहरण देते हुए जेटली ने कहा कि यह आर्थिक एकीकरण की ही शक्ति है, जिसके कारण जम्मू एवं कश्मीर को भी जीएसटी अपनाना पड़ा। जम्मू एवं कश्मीर के कारोबारियों ने अपनी सरकार को बताया कि अगर राज्य में जीएसटी लागू नहीं की जाती तो उन्हें इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिसके कारण राज्य की जनता पड़ोसी राज्य पंजाब से सामान खरीदेगी, क्योंकि वहां सामान सस्ते होंगे।
जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद के अंदर तो समन्वय का माहौल है, लेकिन बाहर लोग कर सुधार का विरोध कर रहे हैं, लेकिन जनता द्वारा जीएसटी को मिल रहे समर्थन के चलते विरोध करने वालों को पीछे हटना पड़ा। इनपुट क्रेडिट हासिल करने में होने वाली सहजता पर जेटली ने कहा कि जो ईमानदारी से जीएसटी रिटर्न दाखिल करेंगे, उन्हें स्वचालित तरीके से इनपुट क्रेडिट मिलेगा और इसके लिए किसी कर अधिकारी से संपर्क करने की जरूरत नहीं है। करों की कई दरें रखने पर जेटली ने कहा कि ऐसा महंगाई के दबाव को कम करने के लिए किया गया। जेटली ने कहा, हमने खाद्य पदार्थो पर कर नहीं लगाया है या सबसे कम लगाया है। जेटली ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को जब जीएसटी से पूर्व देश में लागू रही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के बारे में पता चलेगा तो उनकी आंखें फटी रह जाएंगी।
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