नई दिल्ली, 19 जुलाई (वीएनआई)| निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं, इस प्रश्न को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में आज सुनवाई हो रही है। यह प्रश्न आधार योजना की वैधता को चुनौती देने के संबंध में महत्वपूर्ण है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. केहर की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ 1954 और 1962 के दो फैसलों के संदर्भ में निजता के अधिकार की प्रकृति की समीक्षा करेगी। न्यायमूर्ति केहर के अलावा नौ सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर हैं।
No comments found. Be a first comment here!