इलाहाबाद हाईकोर्ट न्याय का तीर्थ स्थल हैःप्रधानमंत्री

By Shobhna Jain | Posted on 2nd Apr 2017 | देश
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इलाहाबाद 2 अप्रैल (वीएनआई) इलाहाबाद २ अप्रैल (वीएनआई) 17 मार्च 1866 को स्थापित हुए एशिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी स्थापना के इसने 151 साल पूरे कर लिए हैं इस मौके पर आयोजित एक भव्य समारोह मे पीएम मोदी और सीएम योगी एक साथ मौजूद थे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार सार्वजनिक मंच पर एक साथ नज़र आएं, गौरतलब है कि हाईकोर्ट की स्थापना के डेढ़ सौ साल पूरे होने पर साल भर तक चलने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन पिछले साल 13 मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. जिसका आज समापन हो रहा है, पीएम मोदी और सीएम योगी के अलावा कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित सुप्रीम कोर्ट के कई जस्टिस और विभिन्न हाईकोर्ट के जस्टिस भी मौजूद थे इस अवसर पर पधानमंत्री मोदी ने ने कहा कि भारत के न्याय विश्व में इलाहाबाद का 150 साल पुराना तीर्थक्षेत्र है. यहां आने को मैं अपना गौरव मानता हूं, चीफ जस्टिस साहब अपना अनुभव सुना रहे थे, मैं मन से सुन रहा था. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यकीन है कि उनके संकल्प पूरे होंगे. जहां तक सरकार का सवाल है, जिस संकल्प को आप प्रेरित कर रहे हैं, हम उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे. उन्होन्र कहा कि देश की जनता और अदालतों पर से कानूनों के बोझ को कम करने की दिशा में हम कार्य कर रहें है और अभी तक हम 1200 कानूनों को खत्म कर चुके हैं उन्होने कहा sms से मुकदमे की तारीख मिले.तकनीक से सबका काम आसान होगा. वकीलों का काम आसान हुआ है. न्याय व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, मोदी ने कहा कि देश के लोगों पर कानून का बोझ है उन्होने सुझाव दिया कि क्यों न वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो? साल 2022 के लिए संकल्प तय करे देश जिसमें 125 करोड़ लोग एक साथ काम करेंगेः पीएम मोदी ्ने कहा न्याय व्यवस्था में जो हमारी जिम्मेदारी होगी उसे पूरा करेंगे, उन्होने कहा कानून सिर्फ अमीरों का नहीं है,कानून सबके लिए है, कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए और कानून का लक्ष्य सबका कल्याण है, पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय न्याय का तीर्थ स्थल है इलाहाबाद कोर्ट, पीएम मोदी ने कहा कि जब इलाहाबाद कोर्ट के 100 साल हुए थे, तब राष्ट्रपति राधाकृष्णन यहां आए थे. उन्होंने कहा था-कानून एक ऐसी चीज है, जो लगातार बदलती रहती है. कानून लोगों के स्वभाव और पारंपरिक मूल्यों के अनुकूल होना चाहिए. कानून को चुनौतियों का ध्यान रखना चाहिए. किस तरह की जिंदगी हम गुजारना चाहते हैं " पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधीजी कहते थे कि हम कोई भी निर्णय करें तो इसकी कसौटी क्या हो. वे कहते थे कि अगर फैसला लेने में दुविधा हो तो सोचिए कि आखिरी छोर पर बैठे शख्स पर इसका असर क्या होगा. आप सही फैसला ले पाएंगे. इस अवसर पर उ्त्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला है. सीएम योगी ने कहा कि न्याय और विधि एक दूसरे के पूरक हैं और शक्ति संतुलन का प्रयास करते हैं. कानून का स्थान शासक से ऊपर होता है. योगी ने कहा कि जब कभी लोकतंत्र पर संकट आया, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने न्याय का सर्वोच्च मानक बनाए रखा.इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इतिहास में ऐतिहासिक फैसले दिए हैं इससे पूर्व एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नंद गोपाल नंदी भी मौजूद थे.कार्यक्रम सुबह करीब 10:30 बजे शुरू हुआ होगा हाईप्रोफाइल कार्यक्रम की वजह से सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम किए गए ्थे . गौरतलब है कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी की यह पहली इलाहाबाद यात्रा है. पिछले साल नगर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी थोड़े समय के लिए उच्च न्यायालय गए थे और न्यायाधीशों एवं बार के सदस्यों से बातचीत की थी.

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