नई दिल्ली, 20 मार्च, (वीएनआई) मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में बीते दिनों हुई हिंसा से राज्य की जातीय और राजनीतिक स्थिति को लेकर जारी चर्चा के बीच सुप्रीम कोर्ट के 6 जजों का मणिपुर दौरा सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है।
चुराचांदपुर बार एसोसिएशन ने 'मेइतेई' समुदाय के किसी जज के इस दौरे में शामिल होने पर आपत्ति जताई है। इस प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह एकमात्र जज हैं, जो मणिपुरी हैं और राज्य के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के जज बने हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में ताजा हिंसा चुराचांदपुर जिले में हमार और जोमी समुदायों (दोनों आदिवासी) के बीच हुई है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं 3 मई,2023 से ही मेइतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। पिछले महीने मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद से राज्य विधानसभा निलंबित अवस्था में है और संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी केंद्र पर आ गई है। केंद्र सरकार ने 13 फरवरी, 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया।
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