धार/नरसिंहपुर, 17 जून | मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। बीते 24 घंटों के दौरान दो और किसानों ने आत्महत्या कर ली। धार में शुक्रवार की शाम कर्ज से परेशान किसान ने जान दे दी, तो नरसिंहपुर में जमीन की रजिस्ट्री न होने पर किसान ने जहर खा लिया।
धार जिले के बाग थाना क्षेत्र के रामपुरा में शुक्रवार को जगदीश मोरे (35) ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया और शाम को उसकी मौत हो गई। थाना प्रभारी राजेंद्र नरवरिया ने भी जगदीश के द्वारा आत्महत्या किए जाने की पुष्टि की है। जगदीश के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उस पर कर्ज था और वह बैंक से कर्ज वसूली के लिए बनाए जा रहे दबाव से परेशान था और संभवत: इसी के चलते उसने खुदकुशी की है। वहीं, नरसिंहपुर जिले के गोटे गांव थाना क्षेत्र के चंदलौन गांव में इमरत नामक किसान ने शुक्रवार को सल्फास खा लिया और उपचार के लिए जबलपुर ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई।
थाना प्रभारी आर. के. सोनी ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि इमरत ने 10 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति से जमीन खरीदी थी, मगर अब तक उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई। खेती इमरत ही कर रहा था, मगर रजिस्ट्री न हो पाने से वह तनाव में था और उसने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। इमरत के परिजन भी रजिस्ट्री न होने से उसके तनाव में होने की बात स्वीकार रहे हैं। इस तरह राज्य में सोमवार से शुक्रवार के बीच 10 किसान जान दे चुके हैं। औसतन हर रोज दो किसान मौत को गले लगा रहे हैं।
राज्य में एक से 10 जून तक किसान आंदोलन चला, जिस दौरान मंदसौर में छह जून को पुलिस की गोलीबारी में पांच और उसके बाद पिटाई से एक और किसान की मौत हो गई। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में भड़की हिंसा में वाहनों के अलावा थानों तक को आग के हवाले कर दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शांति बहाली के लिए उपवास तक पर बैठना पड़ा, वहीं किसानों को उनका हक दिलाने कांग्रेस के पूर्व मंत्री व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस नेताओं के साथ सत्याग्रह पर बैठे। -आईएएनएस