नई दिल्ली 10 जून (वीएनआई) दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा को जितेंद्र सिंह तोमर के स्थान पर आज दिल्ली सरकार का नया कानून मंत्री नामित किया गया है, गौरतलब है कि तोमर ने ने फर्जी डिग्री मामले में मंगलवार रात लॉकअप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा भेजा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया| दिल्ली के उप मुख्यममंत्री मनीष सिसोदिया उप राज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात कर दिल्ली के कानून मंत्री के लिए मिश्रा के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। तोमर को स्नातक और विधि के अंकपत्रों एवं माइग्रेशन सर्टिफिकेट में कथित रूप से फर्जीवाड़ा करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कल अदालत ने चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
बताया जाता है कि नये कानून मंत्री पद के लिए कपिल मिश्रा के अलावा जिन अन्य नामों पर चर्चा हुई, उनमें चांदनी चौक की विधायक अल्का लांबा, पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती (मालवीय नगर) और नजफगढ़ के विधायक कैलाश गहलोत शामिल थे।
करावल नगर से चुने गये कपिल मिश्रा पहली बार विधायक बने है, वे काफी तेज तर्रार नेता हैं और अच्छे वक्ता भी, अपने इसी अंदाज की वजह से कपिल सुर्खियों में आए हैं और विपक्षियों पर आक्रामक तेवर के चलते अपनी पहचान बनाई है।
इस साल जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी तब भी 34 वर्षीय मिश्रा का नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में था। हालांकि उन्हें दिल्ली जल बोर्ड का उपाध्यक्ष बना दिया गया था।
केजरीवाल के धुर समर्थक माने जाने वाले कपिल मिश्रा इंडिया एगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के दिनों से उनके साथ जुड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि जब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध बगावत छेड़ी थी तब मिश्रा सभी विधायकों से केजरीवाल का समर्थन करने की अपील करते हुए हस्ताक्षर अभियान में आगे रहे थे।
एक इंटरनेशनल संगठन से जुड़े रहे मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 44000 से अधिक वोटों के अंतर से करावल नगर सीट जीती थी और उन्होंने विधानसभा में संस्कृत में शपथ ली थी।