नई दिल्ली 15 जून (वीएनआई) मुकदमा और तोहफा..एक नाई ने अपने पड़ोसी पर मुकदमा दायर कर रखा था । नाई को लगा कि उसे मुकदमे में कामयाबी नहीं मिलेगी। उसने अपने वकील से कहा- वकील साहब, मुझे डर लग रहा है, कहीं मुकदमे में हार न हो जाए! इसलिए मैं जज साहब को तोहफा भेजना चाहता हूं।
वकील ने गुस्से मे कहा- अगर तुमने ऐसा किया तो मुकदमे में जरूर हार जाओगे। जज साहब तुम्हें कभी ्माफ नहीं करेंगे, अंततः, नाई मुकदमा जीत गया।
्नाई ने जवाब दिया - वकील साहब, आपने तो मना किया था, पर मैंने तोहफाभेज दिया था।
वकील साहब ने बड़े आश्चर्य से कहा- क्या कहा? तोहफा भेज दिया था।
नाई ने जवाब दिया- जी हां, मैने तोहफा भेज दिया था, पर अपने नाम से नहीं, मुकदमे के नाम से।