नई दिल्ली, 21 दिसंबर (मदनझा/वीएनआई)अब सार्वजनिक जन सेवाओ मे शौच और स्नान के लिए भी कैशलेस सुविधा शुरू हो गई है. स्वच्छता अभियान से जुड़े अग्रणी स्वैच्छि्क संगठन सुलभ इंटरनेशनल ने अपने सार्वजनिक शौचालयों और स्नानघरों में डिजिटल लेन-देन की सुविधा देने जा रहा है यानि अब सार्वजनिक जगहों पर शौच और स्नान के लिए आपको नगदी नहीं देनी पड़ेगी। सुलभ के दिल्ली स्थित मुख्यालय में इस सेवा का शुभारंभ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने किया। इस मौके पर आयोजित खास कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि आजादी के इतने साल स्वच्छता के लिए अभियान चलाना पड़ रहा है। इस अवसर पर सुलभ के संस्थापक और प्रमुख डॉ बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि इन जन सेवाओ का इस्तेमाल ्समाज का गरीब तबका करता है. सुलभ का प्रयास है कि वे कैश्लेस के फायदे समझे और इसे अपनाये.
देश के तमाम शहरों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुलभ इंटरनेशनल के शौचालय और स्नानघर हैं। सुलभ के मुताबिक पूरे भारत में उसके करीब 8500 शौचालय और स्नानघर हैं। जिनका रोजाना करीब एक करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। इनकी सुविधा लेने के लिए लोगों को कुछ शुल्क देना पड़ता है। अब तक यह शुल्क नगद ही लिया जाता रहा है। लेकिन अब इन जगहों पर डिजिटल लेन-देन भी हो सकेगा। सुलभ इंटरनेशनल इन सभी जगहों पर डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था उपलब्ध कराने जा रहा है। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने इस सहूलियत की शुरूआत करते हुए कहा कि सुलभ के शौचालयों और स्नानघरों में भुगतान के लिए 'एसबीआई बडी' का इस्तेमाल किया जाएगा जिसकी शुरुआत दिल्ली से कर दी गई है। धीरे-धीरे इसे देश के बाकी हिस्सों में भी भी पहुंचाया जाएगा। सुलभ के शौचालयों में कई जगह शौच के लिए नाम मात्र का शुल्क ही लिया जाता है
सुलभ ने हाल ही में महाराष्ट्र की तीर्थनगरी पंढरपुर में दुनिया का सबसे बड़ा शौचालय कॉंम्प्लेक्स बनाया है। डॉक्टर पाठक के मुताबिक इस कॉम्प्लेक्स में भी जल्दी ही डिजिटल लेन-देन की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। जिससे यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों को सहूलियत हो। वी एन आई