सितारा देवी के जन्मदिन पर
सितारा देवी (8 नवम्बर, 1920 – 25 नवम्बर, 2014) ) भारत की प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना थीं। जब वे मात्र 16 वर्ष की थीं, तब उनके नृत्य को देखकर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उन्हें 'नृत्य सम्राज्ञी' कहकर सम्बोधित किया था। उन्होने भारत तथा विश्व के विभिन्न भागों में नृत्य का प्रदर्शन किया।
अपने सुदीर्घ नृत्य कार्यकाल के दौरान सितारा देवी ने देश-विदेश में कई कार्यक्रमों और महोत्सवों में चकित कर देने वाले लयात्मक ऊर्जस्वित नृत्य प्रदर्शनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया था । वह लंदन में प्रतिष्ठित रायल अल्बर्ट और विक्टोरिया हाल तथा न्यूयार्क में कार्नेगी हाल में अपने नृत्य का जादू बिखेर चुकी थीं । यह भी उल्लेखनीय था कि सितारा देवी न सिर्फ कथक बल्कि भारतनाट्यम सहित कई भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों और लोकनृत्यों में पारंगत थीं । उन्होंने रूसी बैले और पश्चिम के कुछ और नृत्य भी सीखें थे । सितारा देवी के कथक में बनारस और लखनऊ घराने की तत्वों का सम्मिश्रण दिखाई देता था । वह उस समय की कलाकार थीं । जब पूरी-पूरी रात कथक की महफिल जमी रहती थी।
इन्हें संगीत नाटक अकादमी सम्मान 1969 में मिला। इसके बाद इन्हें पद्मश्री 1975 में मिला। 1974 में इन्हें कालिदास सम्मान से सम्मानित किया गया। बाद में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण दिया गया जिसे इन्होंने लेने से मना कर दिया। इन्होंने कहा कि क्या सरकार मेरे योगदान को नहीं जानती है? ये मेरे लिये सम्मान नहीं अपमान है। मैं भारत रत्न से कम नहीं लूंगी। मात्र 16 वर्ष की आयु में इनके प्रदर्शन को देखकर भावविभोर हुए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने इन्हें 'नृत्य सम्राज्ञी' की उपाधि दी थी।
25 नवंबर 2014 को सिताराजी निधन हो गया
No comments found. Be a first comment here!