आबू रोड,2 जनवरी (अनुपमा जैन/ वीएनआई) जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डा फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि हमारा पड़ोसी देश भले ही कितने युद्ध और संघर्ष हम पर थोपे लेकिन लेकिन कश्मीर भारत का सदैव अभिन्न अंग रहा है और बना रहेगा साथ ही उन्होने कहा " वह दिन दूर नहीं जब हम आतंकवाद को जड से उखाड फेकेंगे ' ड़ा अब्दुल्ल्ला यहा ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी के शताब्दी जन्म उत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे .श्री अब्दुल्ला ने अपने संबोधन मे धर्म के नाम पर मतभेदों व नफरत की चर्चा करते हुए कहा कि हमें धर्मों की लड़ाई नहीं बल्कि कर्मों की लड़ाई लडऩी है। भगवान के सामने उसी तरह हम एक समान हैं जिस तरह डॉक्टर के सामने मरीज। जब किसी मरीज का जीवन बचाने के लिए खून की जरूरत पड़ती है तो कोई यह नहीं पूछता कि खून हिन्दु का है या मुसलमान का। अस्पताल से बाहर निकलते ही सबको अपना-अपना धर्म याद आ जाता है। उन्होंने कहा कि दादी जानकी जैसी महान विभूतियों के आदर्श अपनाते हुए हम परमात्मा से दुआ करें कि वह हमें सच्चा इंसान बनाएं और भारत का नाम रोशन करे ,श्री अब्दुल्ला ने कहा कि वह पिछले 35 वर्षों से इस संस्था से न केवल वाकिफ हैं बल्कि इसकी सेवाओं के भी कायल हैं। उन्होने कहा कि भगवान मंदिर में और खुद मस्जिद में भले ही न दिखाई दे वह इंसान के दिल में जरूर बसता है। और इंसानों की सेवा करके ब्रह्माकुमारी परमात्मा की सेवा कर रहीं हैं। इस संस्था में देश-दुनिया में इंसानों का दर्द बांटा है। एक दिन ऐसा आएगा कि जब हर कोई इस संस्था के सेवा भाव के प्रति नतमस्तक होगा।
महिला आरक्षण बिल लागू करने में देरी की अपरोक्ष रूप से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनेता प्राय: कहते हैं कि महिलाओं को उनके अधिकार मिलने चाहिए लेकिन जब अधिकार देने का अवसर आता है तो हाथ पीछे खींच लेते हैं। ऐसे में ब्रह्माकुमारी संस्था एक आदर्श कायम करती है जिन्होने महिलाओं को मजबूत स्त्री शक्ति का आधार बनाया।
समारोह मे पिछड़ी जाति आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वी.ईश्वरैय्या के अलावा देश विदेश की ब्रह्माकुमारियो ने हिस्सा लिया जिनमे रूस से आयी बीके संतोष बहन, सनफ्रांसिस्को से आयी बीके चंद्रू बहन, नेपाल की बीके राज बहन, पंजाब जोन प्रभारी बीके अमीरचंद, ओम शांति रिट्रीट सेंटर हरियाणा की बीके आशा बहन, कलकत्ता की बीके कानन बहन आदि ने दादी जानकी व दादी ह्रदयमोहिनी के सानिध्य में प्राप्त अनुभव साझे किए। इस आध्यात्मिक संगठन के प्रवक्ता भाई बी के सुशांत के अनुसार दुनिया भर मे करोडो श्रधालु इस संस्था से जुडे है और विश्व भर मे भाई चारा, शांति प्रसार, और मानव सेवा कार्यो मे संलग्न है.दुनिया के 140 देशो मे संस्था के 9,000 केन्द्र कार्यरत है. संयुक्त राष्ट्र की यूनीसेफ जैसी अनेक संस्थाओ से भी यह जुडा है तथा उन सभी के साथ मिल कर विश्व शांति और जन कल्याण कारी कार्य कर र्ही है.तीन दिवसीय समारोह का शुभारंभ गत २९ जनवरी को हुआ जिसमे अनेक राज्यो के राज्य्पाल केन्द्रीय मंत्रियो, राज्योके प्रतिनिधियो सहित अनेक विशिष्ट जनो और बडी तादाद मे संस्था के प्रतिनिधियो ने हिस्सा लिया.वी एन आई