जमशेदपुर, 28 मई(वी एन आई)' मेन ऑफ स्टील' यानि टाटा स्टील के अधिकारी हेमंत गुप्ता ने कल सुबह माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ कर तिरंगा फहरा दिया । हेमंत के साथ इस अभियान में टाटा स्टील की एक अन्य कर्मचारी पायो मुर्मू भी थीं, लेकिन खराब मौसम के कारण समिट के लिए अंतिम प्रयास में सफल नहीं हो पाईं। दोनों पर्वतारोहियों के सोमवार को आधार शिविर वापस लौटने की उम्मीद है।
टाटा स्टील ने एक बयान में कहा है कि ग्राउंड जीरो से मिली रपट के अनुसार, अपने एवरेस्ट अभियान में तेजी से आगे बढ़ते हुए टाटा स्टील के कर्मचारी हेमंत गुप्ता ने रविवार सुबह 6.25 बजे माउंट एवरेस्ट फतह कर ली।
अभियान के आरंभ में टाटा स्टील के चीफ एडवेंचर प्रोग्राम, बचेंद्री पाल ने कहा था, "एवरेस्ट ने हमेशा मानवीय प्रयास की चुनौती के प्रतीक एवं उसके नेतृत्व का प्रतिनिधित्व किया है। उसकी शक्तियों व कमजोरियों, उसके अप्रोच में विनम्र होने और उसकी क्षमताओं को परखा है। सभी सीखे गए कौशल ने न केवल हिमालय में पहाड़ों को जीतने में, बल्कि उनके वास्तविक जीवन में भी मदद की है, जिसने उन्हें बेहतर व्यक्ति बनाया है और जिसके कारण उन्हें, उनके संगठन या समुदाय को फायदा हुआ है।"
इससे पहले हेमंत गुप्ता ने 2015 में विश्व की शीर्ष सात चोटियों में से एक अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकॉन्कागुआ (22860 फीट) पर विजय पाई थी। फिर गंगोत्री क्षेत्र में माउंट भागीरथी (21310 फीट), नेपाल में आईलैंड पीक (204000 फीट) और हिमाचल प्रदेश में हिमालय की स्पीति घाटी में माउंट कनामो (19600 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी।
बयान के अनुसार, वर्ष 2011 में आईआईटी, बंबई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग एंड मैटेरियल साइंस में बीटेक करने के बाद 27 वर्षीय हेमंत गुप्ता ने ओडिशा के कलिंगानगर में टाटा स्टील के नए संयंत्र में मैनेजमंेट ट्रेनी के रूप में जॉइन किया था। एडवेंचर के साथ उनका पहला सामना मनाली में राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थान (नेशनल माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट) के एक महीने के मूल पर्वतारोहण पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के दौरान हुआ। रोमांच के प्रति उनका गहरा लगाव था, जिसके कारण वह सितंबर 2013 में एडवेंचर प्रोग्राम डिपार्टमेंट में शामिल हुए।