एक सौ पैतालिस साल पहले ताबूत में गुमनाम के तौर पर दफनाई गयी बच्ची की अब जाकर पहचान हुई,भाव विह्वल परिवार ने अब दी आखिरी विदा...

By Shobhna Jain | Posted on 12th May 2017 | देश
altimg
सेनफ्रान्सिस्को,अमरीका,१२ मई (वी एन आई)यह एक ऐसी बच्ची की कहानी है जिसकी मौत तो 145 साल पहले हो गयी थी लेकिन उसके बारे में कुछ भी नहीं पता था, वह एक गुमनाम मौत मरी।पिछले साल इस गुत्थी की बात सामने आये अब एक साल की मेहनत के बाद ताबूत के अंदर मिली इस रहस्यमय बच्ची की अंततः पहचान हो गयी है।दम तोड़ती संवेदन्शीलता के इस दौर मे आज जहां लोग जिन्दा लोगो की परवाह नहीं करते वहां एक मरी हुई बच्ची के लिए इतनी मेहनत सिर्फ इसलिए की गयी ताकी उसे उसके परिवार से मिलाया जा सके और उसके समाधी के पत्थर पर उसका असली नाम लिखा जा सके। यह सच्ची कहानी कैलिफोर्निया अमरीका की है। इस बच्ची का शव पूरी तरह से संरक्षित करके सैनफ्रान्सिस्को के एक घर में एक ताबूत के अंदर रखा गया था। इस छनबीन को करने वाली संस्था गार्डन ऑफ़ इन्नोसेंस के अनुसार, उसका नाम एडिथ हॉवर्ड कुक था और 13 अक्टूबर 1876 के केवल 2 साल 10 महीने और 15 दिन की उम्र में उसका देहांत हुआ था। गार्डन ऑफ़ इन्नोसेंस ने इस बच्ची को पहचानने के लिए पुराने रिकॉर्डो को खंगालने के लिए वालंटियर्स की सहायता ली थी जिसमें उन्हें एक साल से भी ज्यादा का समय लग गया। जांच से पता चला है कि उसके माता पिता का समाज में अच्छा रुतबा था और वह इनकी पहली संतान थी। उसे सैन फ्रांसिस्को में ऑड्स फेलो सिमेट्री के येर्बा ब्यूना सेक्शन में अपने पारिवारिक जमीन में दफनाया गया था। बाद में इस कब्रिस्तान को बंद कर दिया गया और इसके ताबूतों को स्थानांतरित कर दिया गया था। किसी तरह, कुक का छोटा सा, शीशे का बना हुआ पालना पीछे छूट गया था। खोज करने वाली संस्था के अनुसार, मकान मालिकों जॉन और एरिका कर्नेर ने पिछले साल इस रहस्यमयी ताबूत की खोज की और स्थानीय कोरोनर (मृत्यु की समीक्षा करने वाले) से संपर्क किया। इनके कार्यालय ने कर्नेर को सलाह दी कि वे इसे या तो निजी तौर पर दफनाने के लिए भुगतान कर सकते हैं या पहिर लाश को वहीँ छोड़ सकते हैं। गार्डन ऑफ़ इन्नोसेंस, ऐसी संस्था है जो उन बच्चों के अंतिम संस्कार की सेवा प्रदान करती है जिनके पास मदद के लिए कोई नहीं होता। यह संस्था इस नन्ही बच्ची के शव के अंतिम संस्कार के लिए कर्नेर की मदद करने को तैयार हो गयी और साथ ही साथ यह कसम भी ली कि वह पता लगाएगी कि आखिर यह बच्ची थी कौन ? इस बच्ची का निकनेम मिरांडा ईव था और इसे 140 लोगों की उपस्थिति में कैलिफोर्निया के कोलमा में ग्रीनलान मेमोरियल पार्क में दोबारा दफनाया गया। वालंटियर रिसर्चस ने पाया कि स्वयंसेवी शोधकर्ताओं ने बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में मूल कब्रिस्तान के हिस्से का एक नक्शा पाया और वहां दफनाये गए विभिन्न परिवार की पहचान करने में वे सक्षम थे। शवदाह गृह के पुराने रिकार्डों से पता चला कि एडिथ कि मृत्यु जरूरत से कम भोजन की वजह से हुई थी। इस बीमारी को तब "मेरास्मस" कहा जाता था जो कि एक संक्रामक बीमारी थी। क्योंकि ताबूत को कसकर बांधा गया था इसलिए शव के सड़ने की गति काफी धीमी थी। लड़की का शव अब तक पूरी तरह सुरक्षित था। लड़की के बालों में बैगनी फूल लगाए गए थे और उसकी सफ़ेद पोशाक भी अभी तक सही सलामत थी। एडिथ की मौत के बाद उनके माता पिता को दूसरी संतान हुई जिसका नाम उन्होंने एथल रखा। संस्था के अनुसार, एथल को रूस की एक प्रतिष्ठित महिला ने अमेरिका की सबसे खूबसूरत लड़की कहा था। शोधकर्ताओं ने एडिथ कुक के जीवित वंशजों की खोज करने के लिए 1000 से अधिक घंटे लगा दिए। उन्होंने डीएनए परीक्षण के लिए उसके बाल किस्में भी भेजीं थीं। शोधकर्ताओं ने मरीन काउंटी में रहने वाले पीटर कुक की एडिथ के संभावित पारिवारिक सदस्य के रूप में पहचान की। उन्होंने अपना डीएनए टेस्ट का सैंपल भेजा जो एडिथ के बालों के सैंपल से मैच कर गया। इस बच्ची की पहचान हो जाने से खुश परियों की कहानियों का चित्र बनाने वाले जेनिफर ओनस्ट्रॉट वॉर्नर ने न्यूपोर्ट बीच पर इस बच्ची की एक बेहद खूबसूरत तस्वीर बनायीं। जब पिछले साल गार्डन ऑफ़ इन्नोसेंस ने इस बच्ची को दफनाया था तो उसके असली नाम की पहचान की उम्मीद के साथ, समाधी के पत्थर का आधा हिस्सा खाली छोड़ दिया था जिसे अब सही नाम के साथ भरा जायेगा।

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Connect with Social

प्रचलित खबरें

आज का दिन :
Posted on 8th Nov 2018
© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india