नयी दिल्ली, 17 दिसम्बर (वीएनआई) वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज विमुद्रीकरण को देश के लिये आवश्यक और साहसिक कदम बताते हुए कहा कि नोटबंदी से कुछ समय की परेशानी है लेकिन इस का दीर्घ कालिक फ़ायदा होगा.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के पास नोटबंदी पर फैसला लेने की क्षमता है, अब यहां की अर्थव्यवस्था कमजोर नहीं है.ुन्होने आश्वासन दिया कि नए नोट के पूरी तरह से आने की प्रक्रिया में बहुत लंबा समया नहीं लगेगा, आरबीआई बहुत जल्दी इसे पूरा करने में सक्षम हो जाएगा.उन्होने कहा ' अगर हम कम समयावधि की असुविधाओं को सहन कर लेते हैं तो दीर्घकालिक लाभ बहुत स्पष्ट है '
वित्तक मंत्री ने आज फिक्की के सालाना वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरकार के कदम को साहसिक बताने के साथ ही कहा कि भारत में अब इस तरह के साहसिक निर्णय लेने और उनका क्रियान्वायन करने की क्षमता है. उन्होंहने कहा, ''भारत में नोटबंदी का निर्णय लेने की क्षमता है, अब यह कमजोर अर्थव्य वस्था नहीं है.'श्री जेतली ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में मंदी आई है लेकिन इस दौर में भी आर्थिक ताक़तों में भारत की अलग जगह है और यहां की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है. ' दिल्लीभ में आयोजित फिक्की के 89वें वार्षिक आम बैठक में उद्यमियों को संबांधित करते हुए उन्होंंने यह बात कही.
श्री जेटली ने कहा कि नोटबंदी का दीर्घकालिक अवधि में लाभ होगा और हाल में शुरू हुई यह प्रक्रिया जल्द ही आरबीआई के अधिकाधिक सिस्टमम में धन मुहैया कराने के साथ ही बहुत जल्दी् पूरी हो जाएगी. उन्होंईने कहा, ''इस निर्णय से उत्पेन्न होने वाली तात्कांलिक परेशानियों को यदि हम सह लेते हैं तो नोटबंदी के दीर्घकालिक अवधि में स्प ष्टि लाभ दिखेंगे.''
पूववर्ती कांग्रेसी सरकार पर निशाना साधते हुए अरुण जेटली ने कहा कि आने वाले समय में यह अपने आप में यह एक नए किस्मर की सामान्य बात होगी. उनके मुताबिक नोटबंदी से अहम शुरुआत हुई है. जब एक बार यह प्रक्रिया पूरी तरह से पूरी हो जाएगी और आगे बढ़ जाएगी तो यह एक नए किस्मै की सामान्यक बात होगी क्यों कि जो पिछले 70 वर्षों से चल रहा था उसे अस्वीतकार कर दिया गया है.
वहीं जीएसटी के मुद्दे पर उम्मीद जतायी कि इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद उसे लागू करने में कोई बड़ी बाधा नहीं आयेगी.वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसद व राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक का अभी मसौदा तैयार किया जा रहा है. आदर्श रूप में जीएसटी एक अप्रैल 2017 से शुरू होना चाहिए था, नए कानून को अप्रैल और 16 सितंबर के बीच प्रभावी होना संवैधानिक अनिवार्यता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में जो छोटी-मोटी दिक्कतों को दूर कर लिया जायेगा. मालूम हो कि अगले सप्ताह जीएसटी काउंसिल की बैठक प्रस्तावित है. जेटली ने कहा कि बिल के संदर्भ में दस महत्वपूर्ण निर्णय आपसी सहमति से लिये जा चुके हैं. जेटली ने जीएसटी को पारित किये जाने को देश की एक बड़ी उपलब्धि बताया अौर कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में बदलाव आ रहा है.
जेटली ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के बीच खत्म हो चुका है और जीएसटी को लेकर आशंकाएं जतायी जा रही है. खत्म हुए सत्र में कई अहम विधायी कार्य नहीं किये जा सके.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों व भ्रष्टाचार के लिए उठाये गये कदमों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि पिछले एक सरकार ने कई बड़े कदम उठाये हैं.