पटना,२३ अप्रैल (वी एन आई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन हिंदी बहुत ज्यादा अच्छी नही जानती है लेकिन इस के बावजूद उंहोने यहा कार्यक्रम में अपनी सरल सी टूटी फूटी हिंदी से ही लोगों को सम्बोधित करने का एक प्रयास किया जिसने सबका दिल जीत लिया। हिंदी पूरी तरह से नही बोल पाने के बावजूद उन्होंने न सिर्फ हिंदी में बात करने की कोशिश की बल्कि आयी हुई महिलाओं की बातों और समस्याओं को ध्यान से सुनने और समझने की कोशिश भी की।
मौका था महाराणा प्रताप के मंत्री और सेनापति रहे भामाशाह की जयंती पर बेगूसराय में आयोजित एक सांस्कृतिक समारोह का। इसमें जशोदाबेन मुख्य अथिति थीं। पहली बार उन्होंने गुजरात से पटना का सफर तय किया।इस सफर पर उनके छोटे भाई अशोक मोदी और भतीजे संदीप मोदी भी थे।
इस सांस्कृतिक समारोह का आयोजन तैलिक साहू समाज ने किया था जिनका कहना है कि नरेंद्र मोदी का परिवार उनकी ही बिरादरी से है और यशोदाबेन उनके समाज का एक बड़ा नाम हैं। हालांकि इस समारोह के लिए प्रधानमंत्री को बुलाने की कोशिश थी लेकिन सभी को यह पता था कि उनका वक़्त मिलना मुश्किल है इसलिए कोशिश की गयी कि कम से कम उनके परिवार का कोई एक सदस्य जरूर आये और संयोग से जशोदाबेन ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया।
कार्यक्रम में जशोदाबेन से मिलने के लिए कई सामाजिक संगठन की बड़ी हस्तियां पहुंची थीं लेकिन प्रधानमंत्री की पत्नी के इस सम्मान समारोह में प्रदेश भाजपा का कोई भी बड़ा नेता मौजूद नहीं था।