लंदन के मेयर के चुनाव का पकिस्तान कनेक्शन

By Shobhna Jain | Posted on 2nd May 2016 | देश
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लंदन, 2 मई(अनुपमाजैन/वीएनआई) लंदन के मेयर के चुनाव का पकिस्तान कनेक्शन ! लंदन के मेयर के लिये इस सप्ताह होने वाले चुनाव मे सत्तारूढ कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्षी लेबर पार्टी दोनो के ही प्रत्याशियो का सीधे या परोक्ष रूप से पाकिस्तान से भी नाता है है, और मजेदार बात यह कि यह चुनाव चुनाव दक्षिण एशियायी लोगो के लिये खासा उत्सुकता की विषय बन गया है यहा तक कि इस चुनाव से अन्य समुदायो की तरह कुछ भारतीय और पाकिस्तानी भी अलग अलग खेमो के समर्थक नजर आ रहे है. एक और दिलचस्प बात यह है कि चुनाव एक जन्मजा्त रईस और गरीबी की सीढी से लगातार से ऊपर उठते हुए संघर्ष कर एक मुकाम पर पहुंचे प्रत्याशी के बीच हो रहा है. लेबर पार्टी के उम्मीदवार व पूर्व मंत्री ४५ वर्षीय सादिक़ ख़ान पाकिस्तान में पैदा हुए.एक अति साधारण परिवार मे जन्मे सादिक़ 70 के दशक में वे अपने माता-पिता और छह भाई-बहनों के साथ लंदन जा बसे और संघर्ष के बाद एशियायी मूल के एक ताकतवर राजनेता बने जबकि सादिक़ ख़ान के मुक़ाबले में ४१ वर्षीय कंर्जेटिव उम्मीदवार ज़ैक गोल्डस्मिथ उनके धुर विपरीत रईस दुनिया से आते है. वे अरबपति कारोबारी जिम्मी गोल्डस्मिथ के पुत्र है और मशहूर क्रिकेटर और पाकिस्तान की तहरीके इंसाफ पार्टी प्रमुख इमरान ख़ान की पत्नी रह चुकी जेमिमा के भाई है. वे २०१० और २०१५ मे सांसद भी चुने गये. इसी दिलचस्प् पृष्ट्भूमि मे आगामी ५ मई को होने वाले इसी चुनाव मे लाखो मतदाता लंदन का मेयर चुनेगे लंदन आने पर सादिक खान के पिता घर परिवार पालने के लिये लंदन की डबल डेकर की लाल बस के ड्राइवर बन गए जब कि उनकी मॉ गारमेंट फ़ैक्ट्री में काम करने लगीं उनका एक भाई मोटर मैकेनिक भी बना. लेकिन पढने मे कुशाग्र सादिक़ ख़ान पढ लिख कर वकील हो गए और मानवाधिकार संस्थाओं के साथ जुड़ गए. 2005 में लेबर पार्टी के उम्मीदवार बने और जीत कर संसद पहुंच गए. प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन के मंत्रीमंडल में वे परिवहन मंत्री हो गए. १५ साल की उम्र मे उन्होनेलेबर पार्टी मे शामिल हुए और फिर् पीछे मुड़ कर नही देखा. वे पहले ब्रिटेश मुस्लिम मंत्री बने. लेकिन सादिक़ ख़ान के मुक़ाबले में कंर्जेटिव उम्मीदवार जैक गोल्डस्मिथ बिल्कुल अलग दुनिया से आते है. रईसी मे पले बढे जेक प्रतिष्ठित ईटन कॉलेज से भी कुछ समय तक पढे है हालांकि कुछ कारणो से उन्हे कॉलेज छोड़ना पड़ा, बाद मे वे अपने पारिवारिक व्यापार से जुड़ गये. लेकिन उनके आलोचक उनकी रईसी को उनकी कमजोरी मानते है उनका तर्क है कि वे असल जिंदगी की हकीकत जानते ही नही और दुनियादारी से कोसो दूर है. उनके समर्थक आलोचको के इस मत से सहमत नही है उनका कहना है कि वे २०१५ के आम चुनाव मे पिछले चुनाव यानि २०१० के मुकाबले उन्हे अन्य प्रत्याशियो के मुकाबले सबसे ज्यादा मतो की बढत मिली थी.ब्रिटिश प्रधान मंत्री डेविड केमरून ने भी उनके पक्ष मे अपील जारी की है,लेकिन राजनैतिक प्रेक्षको का मत है कि जो भी हो जिस तरह से चु्नाव मे दोनो मुख्य दलो ने जिस तरह से इन दोनो को उतारा है वह ब्रिटेन मे विभिन्न संस्कृतियो की ब्रिटेन् में समरसता तो दर्शाता ही है.वी एन आई

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