गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने दिये छात्रो को कुछ गुरू मंत्र,साझा की कुछ दिल की बाते...
खड़गपुर,५ जनवरी (वी एन आई)भारतीय मूल के गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई इन दिनो भारत मे है.इसी दौरान उन्होने पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में आईआईटी कैंपस में स्टूडेंट्स से छात्रों से बातचीत करते हुए उन्हे कुछ गुर दिये...कुछ दिल की बाते भी साझा की...
हो सकता है आप कभी कभी फेल भी हो जाएं. पर निराश नही हो. लैरी पेज कहा करते थे कि आपको बड़े काम करने का लक्ष्य रखना चाहिए. यदि आप फेल होते हैं तो भी आप कुछ ढंग का सृजित कर पाएंगे जिससे आप काफी कुछ सीखेंगे.
ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को एजुकेशन के मामले में ऊंचा लक्ष्य रखते हुए देखना चाहते हैं और यह आदत बेहद शानदार है. एजुकेशन पर फोकस, एक बड़ी ताकत है. मैं युवाओं को रचनात्मकता पर फोकस करते हुए देखना चाहता हूं और चाहता हूं कि वे जोखिम लें.
भारत में डिजिटल मार्केट फल फूल रहा है. भारतीय कंपनियों को बड़ी चीजों पर फोकस करने की जरूरत है. निश्चित तौर पर भारत से जल्द ही कई ग्लोबल इनोवेशन देखने को मिलेंगी.
कई लोग चाहे वे आईआईटी से नहीं हों, लेकिन काफी बड़ा काम कर जाते हैं. भारत में काफी ज्यादा टैलेंट मौजूद है.
हम गूगल में हमेशा महत्वाकांक्षी अप्रोच अपनाते हैं. हम उन चीजों पर काम करना चाहते हैं जिन्हें अरबों लोग प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं
यहा पर पिचाई ने निजी जिंदगी की कुछ बाते भी सा्झा की. उन्होने बताया कि वे आई आई टी मे ही अपनी पत्नी से मिले.उन्होने कहा ' तब किसी के पास यूं चले जाना और बात करना आसान नहीं था... घर पर कंप्यूटर नहीं था. यहीं पर पहला पहला कंप्यूटर देखा. अब हमारे पास 300 स्मार्टफोन हैं. छात्रो के ठके के बीच सुंदर ने कहा 'हॉ मैंने क्लास बंक की? हां, यह कॉलेज में सही लगता है... लेकिन मैंने काफी मेहनत भी की.'
मैंने स्कूल में हिन्दी सीखी लेकिन मैं ज्यादा बोल नहीं पाता था. मैं चेन्नई से आया था. मैंने लोगों को बोलते हुए सुनता था.. एक बार मैंने किसी को मेस में देखा जिसे बुलाने के लिए मैंने अज्ञानता मे ऐसे हिंदी शब्द का इस्तेमाल किया जो ठीक नही था तब मैं समझ रहा था कि ऐसे ही बोला जाता है