रायपुर, 25 फरवरी (वीएनआई) । छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद प्रभावित सुकमा के कोकावाड़ा, बस्तर के कोड़ेनार और नारायणपुर के दोंदरबेड़ा जैसे गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। बाकी के गांवों में भी इसको पहुंचाने का काम तेजी से जारी है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी लगातार इसी प्रयास में लगे हुए हैं। शनिवार को ये जानकारी वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अंकित आनंद ने दी।
उन्होंने बताया, "अंधेरे में जीवन व्यतीत करते कोकावाड़ा, कोडेनार एवं डोंडेरबेड़ा जैसे अनेक सुदूर गांव में बिजली की मूलभूत सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। प्रदेश के लगभग 98 फीसदी ग्रामवासियों को बिजली का लाभ मिलने लगा है। प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले के ग्रामों तक बिजली अधोसंरचना को स्थापित करने के लिए विद्युत कर्मियों ने नदी-नाले, जंगल जैसी अनेक बाधाओं को पार किया।"
सघन वन से घिरे सड़क विहीन ग्रामीण इलाकों में बिजली खंभे, तार, ट्रांसफार्मर आदि को बैलगाड़ी-ट्रैक्टर नाव का सहारा लेने के साथ ही कंधे में लाद कर निर्माण स्थल तक विद्युत कर्मियों ने पहुंचाया। यहां के निवासियों को वर्षो से बिजली का इंतजार था। बिजली पहुंचने के बाद रात को उजाला देखकर भावविभोर ग्रामीणों की आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े।
उन्होंने बताया, "प्रदेश के सभी गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए पारंपरिक तरीके के साथ ही गैर-परंपरागत तरीके से विद्युतीकृत करने का कार्य भी किया जा रहा है। गैर-परंपरागत तरीके से 870 से अधिक ग्रामों तक बिजली सुविधा मुहैया कराई गई है। गैर-परंपरागत एवं परपरंपरागत तरीके से विद्युतीकरण किए जाने के परिणामस्वरूप प्रदेश के 19 जिलों के शतप्रतिशत ग्रामों का विद्युतीकरण कर लिया गया है। ऐसे प्रयासों के आधार पर विद्युत वितरण कंपनी आशान्वित है कि बहुत जल्द पॉवर फार ऑल का सपना छत्तीसगढ़ में साकार होगा।"