नई दिल्ली, 17 मई । विश्व संचार एवं सूचना समाज दिवस (डब्ल्यूटीआईएसडी) 2017 के अवसर पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने नई तकनीक अपनाने पर जोर दिया। सेलुलर आपरेटर्स एसोसिशन ने सही मायनों में डिजिटल इंडिया बनाने के लिए डिजिटल लिटरेसी पर जोर देते हुए क्षमता विकास और स्थानीय भाषा की सामग्री के विकास करने की अहमियत बताई।
सेलुलर आपरेटर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने बुधवार को एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें उद्योग जगत और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा जगत के लोग भी एक मंच पर आए। इस कार्यक्रम का मकसद इनोवेशन और नई तकनीक के उपयोग से लाभदायक साधनों का विकास और सतत प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए तकनीक और नीतिगत मसलों पर विमर्श जारी रखना है।
सीओएआई ने एक बयान में कहा कि इस अवसर पर आपस में जुड़े अनुकूल परिवेश बनाने और बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ पांच मंत्रालयों - दूरसंचार मंत्रालय (डीओटी), कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमओसी), इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (आईएंडबी) एवं कौशल विकास मंत्रालय के बीच परस्पर सशक्त सहयोग की मांग की गई।
विश्वस्तरीय दूरसंचार अवसंरचना तैयार करने में देश में अब तक 9,27,000 करोड़ रु. का निवेश किया जा चुका है। लगभग 3.51 लाख बीटीएस जोड़े गए और सितंबर 2016 तक ग्राहकों की संख्या बढ़ कर एक अरब हो गई है। ट्राई (दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) के अनुसार इंटरनेट के कुल ग्राहकों की संख्या 26,13 करोड़ हो गई है।
सीओएआई के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यूज ने कहा, "भारत आज दूरसंचार का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और यह उत्तरोत्तर मजबूत हो रहा है। देश के विकास में सहायक मुख्य कंपनियों में से एक के रूप में भारतीय दूरसंचार उद्योग की आज पहले की तुलना में अधिक लोगों तक पहुंच कायम हो चुकी है। हमने न केवल लोगों को जोड़ा है, बल्कि हमने विचारों और नवपरिवर्तनों के विकास के लिए एक ठोस मंच भी उपलब्ध कराया है। हमें एक अरब से अधिक भारतीयों को डिजिटल भविष्य प्रदान करने के लिए उन्हें जोड़ने और सशक्त बनाने पर गर्व है।"
भारत की दुनिया के मानचित्र पर पहचान बनाने में टेलीकॉम क्षेत्र की भूमिका का उल्लेख करते हुए मैथ्यूज ने कहा, "आज विश्व दूरसंचार एवं सूचना सोसायटी दिवस के अवसर पर सीओएआई गर्व से 'टेलीकॉम एंड कनेक्टिविटी ऐज टूल्स फॉर एक्सेलरेटिंग ह्यूमन डिवेलपमेंट इन इंडिया' को इस वर्ष का विषय घोषित करता है। वर्ष 2020 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में मोबाइल उद्योग का योगदान मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो जाएगा। अगले 5 वर्षो में 40 लाख प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के सृजन की आशा भी की जाती है। समूचे विश्व में वर्ष 2020 तक 26 अरब से 50 अरब के बीच इंटरनेट उपकरणों का उत्पादन होगा।"
क्षेत्र के वित्तीय स्वास्थ्य के मूल्यांकन हेतु एक अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति के गठन के सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए, सीओएआई ने स्थिति में सुधार के लिए सरकार से कुछ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। मैथ्यूज ने इस तथ्य का उल्लेख भी किया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में सभी बैंकों को दूरसंचार क्षेत्र की ऋण धारिता क्षमता का पुनर्मूल्यांकन करने की सलाह दी।
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने सरकार के अग्रगामी प्रयासों जैसे डिजिटल इंडिया, कैशलेस इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया को सफल बनाने में दूरसंचार क्षेत्र और संबद्ध उद्योगों के उत्साहवर्धक कार्यों की तारीफ की और उन्हें निरंतर समर्थन देने की प्रतिबद्धता दुहराई। --आईएएनएस