नई दिल्ली 07फरवरी (वीएनआई) दिल्ली विधानसभा चुनाव की नरेला विधानसभा क्षेत्र में आने वाले झंगोला गांव के सभी लोगों ने सुविधाओं के अभाव का विरोध करते हुए मतदान नही करने का फैसला किया है
झंगोला गांव में अभी तक एक भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला है। हालांकि अभी तक ग्रामीणों को वोटे डालने के लिये मनाने के लिये प्रयास जारी हैं। गौरतलब है कि नरेला के झंगोला गांव के निवासी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने मतों का प्रयोग नहीं करने का फैसला किया था, झंगोला गांव के निवासियों ने मिलकर शुक्रवार को एक पंचायत रखी थी जिसमें ये फैसला लिया गया कि झंगोला गांव का एक भी निवासी वोट डालने नहीं जाएगा। पंचायत खत्म होने के बाद पुरुष और महिलाओं ने मिल कर रैली निकाली और चुनाव का बहिष्कार किया। झंगोला गांव यमुना के किनारे बसा हुआ है और यहां की कुल आबादी लगभग 6000 है। यहां सिख धर्म को मानने वालों की संख्या लगभग 98% है। झंगोला गांव में डिस्पेंसरी और डीटीसी बस की सुविधा नहीं है।
इस गांव में स्कूल सिर्फ पांचवी तक ही हैं। गांव की गलियों में गंदा पानी भरा रहता था। अधिकारियों से लेकर विधायक और सांसद तक लोगों ने सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन जब उनकी किसी ने भी नहीं सुनी, तो उन्होंने मतदान का बहिष्कार करने का फैसला लिया।
नरेला तक जाने के लिए लोगों को चार बसें बदलनी पड़ती है। सिर्फ जब चुनाव आता है तो सभी पार्टियों के प्रत्याशी यहां आते हैं और वादा करते हैं लेकिन जब वो जीत जाते हैं तो एक बार भी यहां नहीं आते। इस बार नरेला विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के शरद चौहान, बीजेपी ने नीलदमन खत्री को और कांग्रेस ने प्रवीण कुमार भुगरा को मैदान में उतारा है।