नई दिल्ली 29 नवंबर (वीएनआई) किंग ऑफ स्पाइस या ब्लैक पेपर नाम से प्रचलित काली मिर्च भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले गर्म मसाले का अहम् हिस्सा है। चाहे सलाद हो, फल या फिर पिज्जा और पास्ता, काली मिर्च हर चीज का स्वाद बढ़ाती है। काली मिर्च हमारे भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, कई बीमारियों के इलाज में सहायक साबित होती है।रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद और अदरक के रस के साथ चुटकी भर काली मिर्च लेने से कफ कम होता है।
सर्दी, जुकाम-खांसी होने पर 8-10 काली मिर्च, 10-15 तुलसी के पत्ते मिलाकर चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है।काली मिर्च का प्रयोग खांसी जुकाम से राहत दिलाने वाले कफ सिरप में भी किया जाता है।
खांसी में काली मिर्च, पीपल और सोंठ बराबर मात्रा में पीस लें। तैयार 2 ग्राम चूर्ण शहद के साथ दिन में 2-3 बार चटाएं।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशीगन द्वारा की गयी एक स्टडी के अनुसार काली मिर्च में पिपेरीन नाम का रसायन होता है, जो कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। रिपोर्ट के अनुसार अगर काली मिर्च को हल्दी के साथ लिया जाए, तो इसका असर और भी ज्यादा होता है। खास कर महिलाओं में यह ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए अच्छा है।
मांसपेशियों के दर्द मे भी काली मिर्च का उपयोग होता है इसमें मौजूद पिपेरीन के कारण रक्तसंचार बढ़ता है, इससे मांसपेशियों के दर्द से निजात मिलता है। तेल को हल्का गर्म कर के उसमें काली मिर्च मिलाएं और पीठ और कंधों की इससे मालिश करें। गठिया रोग में भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है।
काली मिर्च के कारण पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड ज्यादा पैदा होता है, जो हाजमे में मददगार होता है। इससे पेट में दर्द, पेट के फूलने और कब्ज में भी राहत मिलती है। अगर आपको एसिडिटी और गैस की समस्या है, तो लाल मिर्च को छोड़ दें और काली मिर्च का इस्तेमाल शुरू करें।
मोटी पिसी काली मिर्च को चीनी और तेल के साथ मिला कर, इसे चेहरा पर मलें। इससे ना केवल चेहरे की गंदगी हटेगी, बल्कि काली मिर्च के कारण रक्तसंचार भी तेज होता है और चेहरे पर निखार आता है।