लंदन,13 जुलाई (अनुपमाजैन,वीएनआई) इस साल का विंबलडन भारत के जश्न का ऐतिहासिक और यादगार वर्ष बन गया है, भारत के तीन तीन खिलाड़ियो ने हैट्रिक जमा चैम्पियन बन भारत के लिए विंबलडन के तीन खिताब जीतकर ना सिर्फ सबको चौंका दिया बल्कि पूरे खेल जगत की वाहवाही भी लूटी। गत शनिवार सानिया मिर्जा ने अपनी जोड़ीदार हिंगिस के साथ महिला युगल का खिताब जीता और फिर कल यानि रविवार को लिएंडर पेस ने मार्टिना हिंगिस के साथ विंबलडन के मिश्रित युगल का खिताब जीता। और कल ही भारत की एक नयी उम्मीद हरियाणा के सुमीत नागल ने वियतनाम के हुआंग ली के साथ विंबलडन के जुनियर युगल वर्ग का खिताब जीतकर भारत की खुशियों को तीन गुना कर दिया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की शान इन तीनो खिलाड़ियो सानिया मिर्जा, लियंडर पेस और युवा सुमित नागल को विंबलडन खिताब जीतने पर बधाई दी. पेस ने मार्टिना हिंगिस के साथ मिश्रित युगल खिताब जीता जो उनका 16वां ग्रैंडस्लैम है. प्रधानमंत्री ने कहा , विंबलडन से और अच्छी खबरें आ रही है. मार्टिना हिंगिस को फिर बधाई.
पेस-हिंगिस ने जीता मिक्स्ड डबल का खिताब दिग्गज भारतीय टेनिस स्टार पेस ने स्विटजरलैंड की अपनी जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस के साथ एलेक्जेंडर पेया और टिमिया बाबोस की जोड़ी को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। पेस-हिंगिस की सातवीं वरीयता प्राप्त भारतीय-स्विस जोड़ी ने ऑस्ट्रिया-हंगरी की पांचवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 6-1 6-1 से हराया। यह मुकाबला केवल 40 मिनट चला।
यह पेस का कुल आठवां और मार्टिना हिंगिस के साथ दूसरा मिश्रित युगल खिताब है। दोनों ने इस साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब भी जीता था। जीत के बाद बेहद खुश पेस ने एक टीवी चैनल मे कहा कि ,\'यह ट्रॉफी भारत के लिए है। मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करने को बेहद गंभीरता से लेता हूं\'। उन्होने यह भी कहा कि जीतना और उम्र का बढ़ते जाना एक साथ चलता है। उन्होंने कहा कि सीखना उनके लिए एक सतत प्रक्रिया है और उनकी बेटी उनके लिए सबसे बड़ी शिक्षक है। उन्होंने कहा, 1990 में जूनियर खिताब जीतना वाकई काफी खास था। पेस ने कहा कि वह आगे और सफतलाएं हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आपको किसी भी चीज के लिए सर्वश्रेष्ठ नहीं होना होता है, लेकिन अगर आप वाकई कड़ी मेहनत करते हैं, तो यह ट्रॉफी जीत सकते हैं।\'
42 साल के लिएंडर पेस का विंबलडन में चौथा खिताब है, 2009 में अमेरिका की लिसा रेमंड के साथ, 2003 में चेक गणराज्य की मार्टिना नवरातिलावा के साथ और 2010 में जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ मिलकर विंबलडन में मिक्सड डबल्स का खिताब जीता था।
लिएंडर पेस अब एक ऐसा नाम है्, जिसने कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं हैं। भारत का नाम पूरी दुनिया में उंचा करने वाले लिएंडर पेस ने कई खिताब अपने नाम कर इतिहास रच दिया है।गौरतलब है कि भारतीय टेनिस स्टार लिएंडर पेस क़ा विदेशो मे जीत का सिलसिला 1990 में शुरू हुआ ऑल इंग्लैंड क्लब जूनियर खिताब जीता था।
उल्लेखनीय है कि पेस के 16 ग्रैंडस्लैम में से 8 मिक्स्ड डबल्स और 8 मेन्स डबल्स का है। इनमें 5 विंबलडन, 4-4 यूएस व ऑस्ट्रेलियन ओपन और तीन फ्रेंच ओपन खिताब हैं
पेस चार पीढीयों के साथ खेल चुके हैं। शुरुआत की तो जॉन मैकनरो, पीट संप्रास, आंद्रे आगासी थे। वे अब तक 124 खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बना चुके हैं। इनमें से 100 मेन्स डबल्स और 24 मिक्स्ड डबल्स में पार्टनर रहे हैं।
दूसरी तरफ भारत के 17 वर्षीय सुमित नागल ने वियतनाम के हुआंग ली के साथ कोर्ट-1 पर हुए विंबलडन के फाइनल मैच मे बालक युगल वर्ग का खिताब जीत लिया। आठवीं वरीय जोड़ी नागल- हुआंग ली ने चौथी वरीयता हासिल अमरीका के राइली ओपेल्का और जापान के अकीरा सांतीलान की जोड़ी को एक घंटा तीन मिनट में सीधे सेटो में 7-6, 6-4 से मात दी.पहला सेट ज़रूर टाई ब्रेकर में समाप्त हुआ लेकिन दूसरे सेट में उन्होंने अपनी विरोधी जोड़ी पर दबाव बनाते हुए 6-4 से सेट और खिताब अपने नाम किया.नागल-हुआंग ली ने अनुशासित खेल खेला और पहली सर्विस पर 41 में से 34 अंक अपनी झोली में डालने में सफल रहे तथा दो बार विपक्षी जोड़ी की सर्विस ब्रेक की। इससे पहले सेमीफ़ाइनल में ओपेल्का-अकीरा की जोड़ी ने शीर्ष वरीयता हासिल अमरीका के टेलर हैरी फ्रिंट्ज़ और माइकल ममोथ को 6-3, 6-4 से हराया था. लेकिन फ़ाइनल में भारत के सुमित नागाल और वियतनाम के हुआंग ली ने बेहतर तालमेल दिखा्ते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. सुमित नागल, युकी भांबरी के बाद जूनियर ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले पहले और कुल छठे भारतीय हैं, जिसमे पहले रामनथकृष्णन (1954) उसके पश्चात उनके बेटे रमेश कृष्णन (फ्रेंच ओपन और बिंबलडन 1979), लिएंडर पेस (बिंबलडन 1990,यू एस ओपन 1991) जूनियर ग्रैंड स्लैम पाने वाले भारतीय थे
इससे पहले 28 वर्षीय सानिया ने हिंगिस के ही साथ महिला युगल का बिम्बलडन खिताब जीता था। सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने फाइनल मैच में रूसी जोड़ी एकातेरीना माकारोवा और एलेना वेसनिना की जोड़ी को 5-7, 7-6 और 7-5 से हराया।सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने तीन सेटों के मुकाबले में 2-1 से जीत दर्ज की।इस जीत के साथ सानिया ने पहली बार महिला डबल्स ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया है। यह कारनामा करने वाली सानिया पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। सानिया-मार्टिना हिंगिस की विजेता जोड़ी को 5.47 लाख डॉलर इनामी राशि मिली।
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ये 28 साल की सानिया के लिए महिलाओं का पहला डबल्स ग्रैंड स्लैम खिताब है. जबकि 34 साल की मार्टिना हिंगिस के लिए ये दसवां ग्रैंड स्लैम है.हिंगिस ने 1997 में विंबलडन का सिंगल्स खिताब जीता था. पहले 1996 में हेलेना सुकोवा और 1998 में जाना नोवोत्रा के साथ वीमेंस डबल्स खिताब जीत चुकी हैं।.वहीं सानिया 2011 में फ़्रेंच ओपन का महिलाओं का डबल्स जीतने से चूक गई थीं तब एलेना वेज़्निना उनकी पार्टनर थीं.
साल 2009 में महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन का मिक्स्ड डबल्स जीतकर सानिया ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थीं.इसके बाद उन्होेंने महेश भूपति के साथ 2012 में मिक्सड डबल्स में फ्रेंच ओपन जीता और 2014 में ब्राजील के ब्रूनो सुआरेस के साथ यूएस ओपन मिक्सड डबल्स जीता.इस तरह अलग अलग वर्गों में वो चारों ग्रैंड स्लैम जीत चुकी हैं.
15 नवम्बर 1986 को मुंबई मे जन्मी सानिया ने छ्ह साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरु किया था। उनके पिता इमरान मिर्ज़ा एक खेल संवाददाता थे, सानिया ने महेश भूपति के पिता और भारत के सफल टेनिस प्लेयर सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली। 2002 में भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने बुसान एशियाड के पूर्व 16 वर्षीय सानिया को खेलते देखा और निश्चय किया कि वह सानिया मिर्ज़ा के साथ डबल्स में उतरेंगे। फिर उन्होने इस देश को कांस्य पदक दिलाया |12 अप्रैल 2010 को उन्होने पाकिस्तानी क्रिकेट्र शोएब मलिक से विवाह किया गौरतलब है कि गत वर्ष जुलाई मे सानिया मिर्ज़ा को नवगठित तेलंगाना राज्य का ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया था.वी एन आई