कोपेनहेगन, डेनमार्क,10 जुलाई(जेसुनील,वीएनआई) कॉफी का प्याला अगर आपको तरोताजा रखता है, खास तौर पर कई बार कॉफी पीने के आप शौकीन है तो घबराईये नही कॉफी के इन प्यालो से आपको मोटापा या मधुमेह जैसी जीवन शैली से जुड़ी बीमारियो का खतरा नहीं है, लेकिन ऐसा भी नही है कि कॉफी इन बीमारियो को कम कर देती है। हाल ही मे हुए जीन आधारित शोध में ये बातें सामने आईं हैं। पहली मर्तबा जीन और कॉफी के संबंध को लेकर इस तरह का यह शोध हुआ.
डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारे जीनों में कुछ ऐसे जीन हैं जो यह तय करते हैं कि हम एक दिन में कितना कॉफी पी सकते हैं। अगर आपके शरीर में यह विशेष कॉफी जीन है तो आप ज्यादा कॉफी ले सकते हैं। शोध में यह बात भी सामने आई है कि मोटापा या मधुमेह जैसी जीवन शैली बीमारियों को बढ़ाने या घटाने में कॉफी की कोई भूमिका नहीं है।
डेनमार्क के हर्लेव तथा जेन्टो अस्पताल में क्लीनिकल बायोकेमेस्ट्री विभाग के डॉ टी नोर्देस्टाग ने कहा कि वे कॉफी के अधिक सेवन के साथ जीन के संबंधों का पता पहली बार कर रहे हैं। और यह पाया गया कि कॉफी जीवन शैली बीमारियों के साथ संबंद्ध नहीं है।
महामारियो संबंधी एक अंतराष्ट्रीय जर्नल के ानुसार कोपेनहेगेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ-साथ डॉ नोर्देस्टाग ने कोपेनहेगेन जनसंख्या अध्ययन से 93,00 डेनमार्कवासियों से डीएनए तथा कॉफी एवं जीवन शैली के बारे में अध्ययन किया।
शोधकर्ताओं ने कॉफी के लिए हमारी इच्छा को प्रभावित करनेवाली जीनों की संख्या का भी अध्ययन किया और पता किया कि क्या कॉफी के ज्यादा सेवन से जीवन शैली बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ता है या घटता है?
उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से कॉफी जीन टाईप-2 मधुमेह या मोटापा के खतरे से जुड़ा नहीं है। डॉ नोर्देस्टाग के अनुसार इन्ही तमाम वजहो से हम कह सकते है कि जीवन शैली से जुड़ी इन बीमारियो क कॉफी से कोई संबंध नही है.वी एन आई