बजट 2015-16 बजट से कोई खुश, कोई दुखी-वित्त मंत्री की कामना सब सुखी हो

By Shobhna Jain | Posted on 11th Mar 2015 | देश
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नयी दिल्ली 28 फरवरी( शोभना,अनुपमाजैन,वीएनआई) वित्त मंत्री अरूण जेतली के संसद् मे आज पेश बजट से चाहे कुछ लोग सुखी हुए तो कुछ परेशान लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2015-16 के लिए आज पेश अपने बजट भाषण मे संस्कृत के एक श्लोक के जरिये सबके सुख और कल्याण की कामना की.भाषण की समाप्ति पर उन्होने संस्कृत का श्लोक पढा : \'ओम सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्रानि पश्यन्तु, मा कश्चिद दुखभाग भवे, ओम शांति शांति शांति.\' जिसका अर्थ था \'सभी सुखी रहें, सभी खुश रहें. वित्त मंत्री ने आम बजट का अपना भाषण करीब पौने दो घंटे में पूरा किया. भाषण के बीच लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भाषण उन्हे बैठ कर भाषण देने की भी बात कही लेकिन उन्होने खड़े रह कर ही भाषण पढा. भाषण की शुरुआत में ही पूर्ववर्ती कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होने एक शेर पढा \'कुछ तो फूल खिलाए हमने, और कुछ फूल खिलाने हैं, मुश्किल ये है बाग में अब तक, कांटे कई पुराने हैं\' तो वही भाषण का समापन संस्कृत के एक श्लोक से किया. वह श्‍लोक था \'ओम सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्रानि पश्यन्तु, मा कश्चिद दुखभाग भवे, ओम शांति शांति शांति. जेटली के सुनाये शेर से शेर से विपक्षी बेंचों तो खामोश रहेपर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से मेजें थपथपाई. विपक्ष की पहली पंक्ति में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा बैठे हुए थे. अरुण जेटली आज आसमानी रंग की कमीज और काली ्पैंट और गहरे नीले रंग की नेहरु जैकेट पहने हुए थे, दर्शक दीर्घा में उनकी बडी बहन मधु और भांजी पुनिता भी बैठी थी उन्होने भी बजट भाषण काफी ध्यान से सुना , बआद मे उन दोनो ने बजट अच्छा बताया. वित्त मंत्री ने कई अवसरों पर लिखित भाषण से हटते हुए कुछ चीजों को विशेष रूप से सदस्यों को समझाने का प्रयास किया. भाषण की समाप्ति की ओर बढते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता \'दरिद्र नारायण\' के प्रति है और यह प्रतिबद्धता जाति, नस्ल या धर्म के भेदभाव के बिना समानता और सभी के लिए न्याय के संवैधानिक सिद्धांतों से संचालित है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार के पूर्ण कालिक बजट पेश किये जाने को बड़े ध्यान से सुन रहे थे,कई बार घोषणाओ पर उन्होने मेज थपथपा कर बजट प्रस्ताव पर अपनी खुशी भी जताई प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहा इस बजट को प्रगतिशील,सकारात्मक और साफ विजन का बजट बताया और कहा कि यह बजट किसानो, गरीबो और नौजवानो का है वही कॉग्रेस् अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे कोरपोरेट जगत का बजट बताया पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि बजट राजग सरकार के अच्छे इरादों को जाहिर करता है, लेकिन इसमें उद्देश्यों को हासिल करने के लिए किसी स्पष्ट योजना का अभाव है.वी एन आई

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