संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का कुशाग्र बेटा राजनीति से दूर रहना चाहता है, बनना चाहता है एक अच्छा इंसान

By Shobhna Jain | Posted on 12th Jan 2016 | देश
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श्रीनगर 12 जनवरी अनुपमा जैन(वीएनआई)भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का कुशाग्र बेटा राजनीति से दूर रहना चाहता है, वह डॉक्टर बनना चाहता है और साथ ही बनना चाहता है एक अच्छा इंसान . गालिब गुरु ने 10वीं की परीक्षा में 95 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। जम्मू-कश्मीर बोर्ड की परीक्षाओ में गालिब ने 500 में से 474 अंक हासिल किए ग़ालिब ने मैट्रिक में 19वां स्थान हासिल किया. गालिब गुरु को सभी पांच विषयों में ए-1 ग्रेड मिला है। इस सफलता के बाद से ग़ालिब मीडिया की सुर्ख़ियो में है मिदिया रिपोर्टो के अनुसार सोशल मीडिया पर सभी इस बात की तारीफ कर रहे है कि विपरीत परिस्थितियों में भी गालिब ने हिम्मत का साथ नहीं छोड़ा और पढ़ाई में ध्यान लगाया। जीवन में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने वाला ग़ालिब कहता है की वह सबसे पहले एक अच्‍छा इंसान बनना हैऔर साथ हे उसे एक डॉक्‍टर बनना है, ग़ालिब खेलो का भी शौक़ीन है लेकिन पढ़ाई उसके लिए अव्वल नंबर पर है . उसकी जिंदगी में माँ का दर्जा सबसे ऊपर है उसका कहना है' मां ही मेरे लिए सब कुछ हैं अपने पिताको वह अपना रोल मॉडल मानता है उसने बताया था कि वह जब तिहाड़ जेल में अपने पिता से मिलने गया था तब उन्होंने उसे साइंस की किताब और एक पेन दिया था। मां के बारे में ग़ालिब का कहना है KIशुरुआत से ही कहती थीं कि सिर्फ पढ़ाई किया करो और उसका मनोबल बढ़ाती थीं। हालांकि दसवीं बोर्ड परीक्षा के शुरुआत में तो ज्‍यादा पढ़ाई नहीं करता था लेकिन फिर अंतिम चंद महीनों में दिनभर पढ़ाई की है। खेलने के लिए बहुत कम समय निकाल पाता था। मौत के बाद मां पूरी तरह घर संभालती थीं। वे एक अस्‍पताल में पार्ट-टाईम जॉब करती थीं। मां उस अस्‍पताल में मैनेजर थीं और उन्‍हीं के पैसों से घर का खर्च निकलता था। ग़ालिब का कहना है बच्‍चो के साथ उसकी टीचर भी उसे प्‍यार करती रहीं। कभी उन्‍होंने मुझे महसूस नहीं होने दिया कि मेरे पिता अब नहीं हैं। सभी मुझसे बेहद प्यार करते हैं। गालिब के पिता अफजल को संसद हमले का दोषी पाया गया था और मौत की सजा दी गई थी।वर्ष 2001 के संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी.वी एन आई

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