वक्त की सल्तनत
हर सल्तनत से ऊँची है वक्त की सल्तनत
वक्त ने मिटटी में मिला दिए कितने ताज कितने तख़्त
हर शय झूटी हो सकती है सिर्फ वक्त है हकीकत
हर सल्तनत से ऊँची है वक्त की सल्तनत
तेरा मेरा कुछ नहीं हर चीज़ है वक्त की अमानत
मुस्कान है तभी तक मुस्कान,
जब तक है उस पर वक्त की रहमत
हर सल्तनत से ऊँची है वक्त की सल्तनत
मानना ना मानना इंसान का काम है,
वक्त हर कदम पर देता है नसीहत
हर सल्तनत से ऊँची है वक्त की सल्तनत.
सुनील कुमार
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