कुछ पंक्तियाँ सुमित्रानंदन पंत की जिनका कल जन्मदिन था
जग पीड़ित है अति-दुख से जग पीड़ित रे अति-सुख से, मानव-जग में बँट जाएँ दुख सुख से औ’ सुख दुख से !
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Posted on 6th Oct 2016
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